नई दिल्ली: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फड़नविस तथा पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज मुम्बई
रिफाइनरी में भारत पेट्रोलियम की नई अत्याधुनिक क्रुड डिस्टीलेशन इकाई (सीडीयू) को राष्ट्र को समर्पित किया। इस इकाई की क्षमता 6.0 एमएमटीपीए है और इस पर 1419 करोड़ रुपये की लागत आई है। नई इकाई पुरानी क्रूड तथा वैक्यूम इकाई के स्थान पर लगाई गई है। इस अवसर पर संसद सदस्य श्री अरविन्द सावंत, श्री राहुल शिवाले, श्री गोपाल सेट्टी तथा चेंबुर के विधायक श्री प्रकाश फाटेरपेकर उपस्थित हैं।
बीपीसीएल की यह रिफाइनरी 1995 में बर्मा शेल रिफाइनरी लिमिटेड द्वारा शुरू की गई थी। तब इसकी क्षमता 2.2 एमएमटीपीए थी। 1976 में राष्ट्रीयकरण के बाद रिफाइनरी का विस्तार कम लागत से कायाकल्प करके तथा नई प्रौद्योगिकी अपनाकर किया गया है। अभी इसकी स्थापित क्षमता 12.0 एमएमटीपीए है। इसमें तीन क्रूड तथा वैक्यूम डिस्टीलेशन इकाइयां प्रसंस्करण और शोधन क्षमताओं के साथ काम करती हैं।
इस नई सीडीयू के चालू होने से स्वच्छ पर्यावरण और कम उत्सर्जन के साथ ऊर्जा का कारगर इस्तेमाल होगा और ऊर्जा खपत में कमी आएगी। इस नई इकाई से सल्फर डाई आक्साइड उत्सर्जन 10.5 एमटी/डी से कम होगा। यह देश की सभी रिफाइनरियों में सबसे कम है। तरल ईंधन समानता के संदर्भ में ऊर्जा खपत लगभग 30 प्रतिशत होगी और इससे ईंधन खपत पर प्रतिवर्ष 128 करोड़ रुपये की अनुमानित बचत होगी।
नई सीडीयू की डिजाइन श्रेष्ठ है और इसमें अनेक सुरक्षा विशेषताएं है। इसमें उपकरण भी कम हैं और बंद होने तथा रखरखाव की अवधि में बेहतर प्रबंधन सुविधा मिलती है। इसमें विस्फोट प्रूफ नियंत्रण कक्ष है और बंद ड्रेनेज प्रणाली है, जिससे यह सक्षम और सुरक्षित इकाई मानी जाती है। इस इकाई के स्थिर होने से 1955 सीडीयू इकाइयां समाप्त हो जाएंगी और इससे रिफाइनरी का आधुनिकरण हो सकेगा, ताकि भविष्य में ईंधन के तौर तरीकों को पूरा किया जा सकें और परियोजना लाभ बढ़ाया जा सके।
इस अवसर पर श्री प्रधान ने महाराष्ट्र में नई रिफाइनरी स्थापित करने की योजना की घोषणा की। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित रिफाइनरी के लिए जमीन तथा अन्य सुविधा मुहैया कराने का आश्वासन दिया।