Online Latest News Hindi News , Bollywood News

भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता विश्व में चौथी सबसे बड़ी क्षमता हैः आर.के. सिंह

देश-विदेश

केंद्रीय विद्युत नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री राज कुमार सिंह ने कहा है कि पिछले 6 वर्षों में भारत की स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में ढाई गुना से ज्यादा की वृद्धि हुई है और यह 141 गीगा वाट (बड़े हाइड्रो सहित) से अधिक है, जो देश की कुल क्षमता (16 जून, 2011 तक) का लगभग 37 प्रतिशत है। इसी अवधि के दौरान स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता में 15 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है और यह 41.09 गीगावाट है। भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता दुनिया में चौथी सबसे बड़ी क्षमता है। वास्तव में हमारा वार्षिक नवीकरणीय ऊर्जा वर्धन 2017 से कोयला आधारित थर्मल पावर से अधिक रहा है। श्री सिंह ने कहा कि अब तक हमारी ऊर्जा परवर्तन यात्रा और बड़े आकार का परिवर्तन लक्ष्य हासिल करने के लिए तैयारी दोनों विश्व के लिए अनुकरणीय हैं।

श्री आर.के. सिंह कल शाम नागरिक केंद्रित ऊर्जा परिवतर्न में तेजी लाने के विषय पर आयोजित कार्यक्रम में प्रमुख भाषण दे रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन (पीएमआई) और ऊर्जा,पर्यावरण और जल पर बनी परिषद (सीईईडब्ल्यू) के सहयोग से किया। यह वर्चुअल कार्यक्रम 20 सितंबर को होने वाली संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय वार्ता के लिए मंत्रिस्तरीय विषयक मंच सप्ताह (21-25 जून, 2021) से अलग आयोजित किया गया था। भारत को उच्च स्तरीय वार्ता के पांच विषयों में से एक “ऊर्जा परिवर्तन“ के लिए ग्लोबल चैंपियन नामित किया गया है।

नवीकरणीय ऊर्जा पर भारत की पहलों पर संकलित पुस्तिका “ द इंडिया स्टोरी“ लॉन्च करते हुए श्री सिंह ने कहा कि “ द इंडिया स्टोरी“ पुस्तिका में कुछ प्रमुख पहलों का सार है जिससे ऊर्जा परिवर्तन में तेजी आई है। ये पहलें हमारे महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रमों को शक्ति प्रदान करती रहेंगी। उन्होंने कहा कि हमारा अंतिम लक्ष्य ऊर्जा परिवर्तन के केंद्र में नागरिक को रखते हुए सभी के लिए किफायती, विश्वसनीय, टिकाऊ तथा आधुनिक ऊर्जा तक पहुंच को सुनिश्चित करना है। उन्होंने वेबसाइट (www.energytransition.in) लॉन्च किया जो ऊर्जा परिवर्तन से जुड़े पूरी दुनिया के ज्ञान संसाधनों का संग्राहक है।

श्री आर.के. सिंह ने भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के अवसरों की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने बताया कि पिछले 7 वर्षों में भारत में नवीकरणीय ऊर्जा में 70 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया गया है। उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के लिए भारत की विदेशी निवेश नीति बहुत उदार है और इस क्षेत्र में ऑटोमैटिक रूट से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति है। उन्होंने कहा कि कारोबारी सुगमता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमारा निरंतर फोकस संविदाओं की पवित्रता को बनाए रखने तथा निवेश को सुरक्षित रखने पर है। उन्होंने कहा कि हमने घरेलू और विदेशी निवेशकों को सावधानीपूर्वक समर्थन देने और सुविधाजनक बनाने के लिए सभी मंत्रालयों में समर्पित परियोजना विकास प्रकोष्ठ (पीडीसी) और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रकोष्ठ स्थापित किए हैं । श्री सिंह ने कहा कि व्यवसायों और निवेशकों की कोविड महामारी से उत्पन्न चिंताओं को दूर करने के लिए पर्याप्त उपाय और सुरक्षा उपाय भी किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि परियोजनाओं के विकास और भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में नए निवेश लाने के उद्देश्य से उद्योग और निवेशकों को वन-स्टॉप सहायता और सुविधा प्रदान करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा निवेश संवर्धन और सुविधा बोर्ड (आरईआईपीएफबी) पोर्टल भी विकसित किया गया है।

श्री सिंह ने भारत की ऊर्जा परिवर्तन योजनाओं के प्रति भारतीय उद्योग द्वारा दिखाई गई प्रतिबद्धता की सराहना की। उद्योग जगत के कई सदस्यों ने स्वेच्छा से आरई लक्ष्यों की घोषणा की है और कार्बन प्रकटीकरण परियोजना (सीडीपी), नवीकरणीय 100 प्रतिशत (आरई100) और विज्ञान आधारित लक्ष्यों (एसबीटी) के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनमें से कई सितंबर की वार्ता के लिए ठोस ऊर्जा कॉम्पैक्ट भी तैयार कर रहे हैं। श्री सिंह ने कहा कि उन्हें यह बताते हुए प्रसन्नता है कि जेके सीमेंट, अल्ट्राटेक, टोयोटा, एनटीपीसी पहले ही अपनी ऊर्जा कॉम्पैक्ट प्रस्तुत कर चुके हैं।

भारत में ऊर्जा परिवर्तन के भविष्य के लिए मार्ग प्रशस्त करने वाली पहलों की चर्चा करते हुए श्री आर. के. सिंह ने बताया कि हरित शुल्क नीति के लिए नियम बनाए जा रहे हैं जिससे बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को पारंपरिक ईंधन स्रोतों से बिजली की तुलना में सस्ती दर पर स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं से उत्पादित बिजली की आपूर्ति करने में सहायता मिलेगी। इसके अतिरिक्त सरकार उर्वरकों और रिफाइनिंग उद्योगों (ग्रीन हाइड्रोजन खरीद दायित्वों) के लिए दायित्वों के साथ ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा दे रही है।

श्री आर.के. सिंह ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में हाल में की गई की पहलों जैसे अपतटीय पवन ऊर्जा के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण विकल्प, ग्रीन टर्म अहेड मार्केट और ग्रीन डे अहेड मार्केट लॉन्च किए जाने की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि ऊर्जा के गैर-पारंपरिक संसाधनों को बढ़ावा देने के लिए खुली पहुंच के माध्यम से खरीद सुविधा और एक्सचेंजों के जरिए आरई खरीद की सुविधा के लिए नियमों को भी अधिसूचित किया जाएगा।

इस कार्यक्रम को संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि श्री टीएस तिरुमुरती, एमएनआरई के सचिव डॉ. इंदु शेखर चतुर्वेदी, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के महानिदेशक डॉ. अजय माथुर, चीफ ऑफ तथा एसई4ऑल के आंतरिक कार्यक्रम की वरिष्ठ निदेशक सुश्री ट्रेसी क्रो, सीईओ तथा एसई4ऑल के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव की विशेष प्रतिनिधि सुश्री दामिलोला ओगुन्बियी ने भी संबोधित किया। जलवायु परिवर्तन वार्ता, नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु जोखिम रोकथाम  के लिए फ्रांसीसी राजदूत श्री स्टेफेन क्रोज़ट ने भी इस आयोजन के लिए एक पूर्व-रिकॉर्डेड वीडियो संदेश साझा किया।

इन संबोधनों के बाद “नागरिक केंद्रित ऊर्जा परिवर्तन में तेजी लाने के लिए कॉर्पोरेट प्रतिबद्धताओं” पर एक आकर्षच पैनल चर्चा हुई। इस पैनल चर्चा में एनटीपीसी लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री गुरदीप सिंह, थरमैक्स लिमिटेड की अध्यक्ष सुश्री मेहेर पुदुमजी, रीन्यू पावर के संस्थापक,अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री सुमंत सिन्हा, ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी ऑपरेशंस प्रमुख अमेज़ॅन के श्री क्रिस रो, हिताची एबीबी पावर ग्रिड्स के एमडी और सीईओ भारत और दक्षिण एशिया श्री वेणु नुगुरी और कोचिन इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के निदेशक श्री ए सी नायर ने भाग लिया। पैनल चर्चा का संचालन सीईईडब्ल्यू के सीईओ डॉ अरुणाभ घोष ने किया।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More