नई दिल्ली: भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 27 दिसंबर, 2016 को एटीसी ग्राउंड की घटना के संबंध में मीडिया में आई रिपोर्टों के संबंध में आधिकारिक सूचना जारी की है।
इस सूचना में बताया गया है कि मीडिया में आई विभिन्न रिपोर्टें अति अतिरंजित बताई गई हैं कि इस घटना में यात्री बाल-बाल बचे हैं। यह रिपोर्टें गलत जानकारी देने वाली हैं। इससे यात्रियों के मन में डर पैदा हो सकता है। ऐसे डर से बचने के लिए इस घटना को जनता के लिए स्पष्ट किया जाता है –
“इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट संख्या 6ई-769 जो लखनऊ से दिल्ली आ रही थी रनवे – 28 पर उतरने के बाद पार्किंग के लिए एटीसी की सलाह के अनुसार टैक्सीवे ई2 होते हुए पार्किंग स्टैंड 12 के लिए टैक्सिंग कर रही थी। स्पाइस जेट एयरलाइंस संख्या एसजी123 खराब दृश्यता के साथ रनवे 28 से टेकऑफ करने में सक्षम नहीं थी। मौसम न्यूनतम परिमाण से कम था इसलिए पार्किंग के लिए एप्रन में लौटने का इंतजार हो रहा था। तदनुसार नियंत्रक ने एसजी123 को टैक्सीवे सी होते हुए टैक्सी करने का निर्देश दिया और उसे टैक्सी वे ई2 से थोड़ा हटने के लिए कहा ताकि इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट संख्या 6ई-769 और स्पाइस जैट फ्लाइट एसजी123 एक दूसरे से न टकराएं। यातायात घनत्व बहुत घना और जटिल था। कंट्रोलर ने अनजाने एसजी123 को ई से स्टैंड 130 होते हुए टैक्सी जारी रखने का निर्देश दिया। इससे इसकी लोकेशन एसजी123 की लोकेशन से मिक्स हो गई जो प्रस्थान के लिए अन्य टैक्सी वे ई पर तैयार था। एसजी123 ने भी टैक्सिंग से लिए एटीसी के अधूरे निर्देश के बारे में कोई सवाल नहीं किया। इन मानवीय गलतियों के कारण यातायात की ऐसी स्थिति पैदा हुई। हालांकि दोनों विमान सुरक्षित दूरी पर रुक गए और इस स्थिति में यात्रियों या विमानों को कोई खतरा नहीं था।
कई बार मानवीय गलतियों को खत्म करना संभव नहीं होता चाहे वो विमानन क्षेत्र हो या अन्य उद्योग। लेकिन भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी), नियंत्रकों के लिए आवर्ती प्रशिक्षण तथा प्रौद्योगिकी की शुरूआत के माध्यम से ऐसी मानवीय त्रुटियों को दूर करने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। यह उल्लखनीय है कि भारतीय हवाई अड्डों पर विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध कराई जा रही एटीसी सुरक्षा रिकॉर्ड बहुत अच्छा है और यह दुनिया में सबसे अच्छे रिकार्ड के बराबर ही है।