नई दिल्ली: इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ऐसा कुछ होने जा रहा है जो अब तक कहीं नहीं हुआ है। हवाई अड्डे के टर्मिनल 3 पर दुनिया का सबसे बड़ा लकड़ी का चरखा स्थापित किया जाएगा। अहमदाबाद में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग केवीआईसी की एक इकाई ने यह चरखा तैयार किया है जो प्रदर्शन के लिए भेजे जाने को तैयार है। उच्च गुणवत्ता की टीक की लकड़ी से बना यह चार टन का चरखे 50 साल से अधिक समय तक चलने का अनुमान है।
इस चरखे को करीब 26 कर्मचारियों और बढ़इयों ने 40 दिनों में तैयार किया है। केवीआईसी चेयरमैन वी के. सक्सेना की पहल का नतीजा है जिन्होंने हवाई अड्डे के जरिए दुनिया को भारत के अहिंसा के प्रतीक को दिखाने के लिए दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विश्व का सबसे बड़ा चरखा स्थापित करने का निर्णय किया। इस हवाई अड्डे पर रोजाना करीब ढाई लाख लोग आते-जाते हैं।
लकड़ी का यह चरखा बनाने का आर्डर गुजरात की राजधानी में महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम के निकट स्थित केवीआईसी की इकाई प्रयोग समिति को दिया गया और यह चरखा दिल्ली भेजे जाने के लिए तैयार है।