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जीएसटी लागू होने के बाद अप्रत्‍यक्ष कर संग्रह में 11.9 प्रतिशत की उल्‍लेखनीय वृद्धि, गैर-तेल श्रेणी में कर संग्रह 1.5 प्रतिशत बढ़ने की आशा: अरुण जेटली

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नई दिल्ली: भारत सरकार ने आज यहां प्रथम जीएसटी दिवस मनाया। जीएसटी की प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर केन्‍द्रीय मंत्री श्री अरुण जेटली ने सीधा (लाइव) वीडियो लिंक के जरिये गणमान्‍य व्‍यक्तियों को संबोधित किया। केन्‍द्रीय रेल, कोयला, वित्‍त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री पीयूष गोयल ने मुख्‍य अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम की अध्‍यक्षता की। वित्‍त राज्‍य मंत्री श्री शिव प्रताप शुक्‍ला इस अवसर पर सम्‍मानित अतिथि थे।

      वीडियो लिंक के जरिये गणमान्‍य व्‍यक्तियों को संबोधित करते हुए श्री अरुण जेटली ने जीएसटी पूर्व कर प्रणाली का स्‍मरण किया। उन्‍होंने कहा कि भारत में जीएसटी से पहले जो कर प्रणाली थी, वह दुनिया की सर्वाधिक जटिल कर प्रणालियों में से एक थी। तरह-तरह के करों, करदाताओं द्वारा कई तरह के रिटर्न भरने, अनगिनत कर अधिकारियों से सामना होना, टैक्‍स पर टैक्‍स लगाये जाने, बढ़ती महंगाई, देश भर में वस्‍तुओं की कोई मुक्‍त आवाजाही न होने, देश भर में बाजारों का विखंडित होने जैसे विभिन्‍न मसलों से भारत में अप्रत्‍यक्ष कर प्रणाली समस्‍याग्रस्‍त थी। श्री जेटली ने कहा कि वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ने लोगों को कर चोरी किए बगैर ही पारदर्शी ढंग से कारोबार करने के लिए प्रेरित किया।

      श्री जेटली ने कहा कि जीएसटी को भारत के प्रधानमंत्री की ओर से सुस्‍पष्‍ट समर्थन प्राप्‍त हुआ, जिससे केन्‍द्र सरकार के लिए यह संभव हो पाया कि वह राज्‍यों से प्राप्‍त पूर्ण सहयोग के साथ जीएसटी को अत्‍यंत सफल बना सके। मंत्री महोदय ने कहा, ‘हमने इन कारणों का विश्‍लेषण किया कि आखिरकार पिछली सरकारें जीएसटी को लागू क्‍यों नहीं कर पाईं। हमने राज्‍यों द्वारा उठाये गये समस्‍त मसलों को सुलझाया और उन्‍हें इस बात का आश्‍वासन दिया कि उनके राजस्‍व संग्रह में कमी होने की भरपाई निश्चित तौर पर की जाएगी। जीएसटी परिषद भारत की प्रथम आम सहमति आधारित संघीय निर्णय निर्माता संस्‍था है।’

      एक साल की छोटी सी अवधि में जीएसटी द्वारा हासिल की गई उल्‍लेखनीय सफलताओं का उल्‍लेख करते हुए श्री जेटली ने कहा कि इस अभूतपूर्व सुधार ने एक एकीकृ‍त बाजार का सृजन किया है, टैक्‍स पर टैक्‍स लगाये जाने की समस्‍या को समाप्‍त किया है, कुल कराधान बास्‍केट का भारांक औसत कम हो गया है, जीएसटी परिषद टैक्‍स स्‍लैबों को तर्कसंगत बनाने पर निरंतर काम कर रही है, जीएसटी के सफल कार्यान्‍वयन के परिणामस्‍वरूप प्रत्‍यक्ष करों का अग्रिम भुगतान बढ़ गया है, इत्‍यादि। मंत्री महोदय ने यह जानकारी दी थी कि जीएसटी को लागू किये जाने के बाद पिछले वित्‍त वर्ष के नौ माह की अवधि के दौरान अप्रत्‍यक्ष करों का कुल संग्रह लगभग 8.2 लाख करोड़ रुपये आंका गया है, जो समूचे वर्ष के आधार पर लगभग 11 लाख करोड़ रुपये बैठता है। इस तरह प्रत्‍यक्ष करों के संग्रह में 11.9 प्रतिशत की वृद्धि  दर्ज की गई है।

      जीएसटी के वर्तमान स्‍लैबों को तर्कसंगत बनाने की गुंजाइश का उल्‍लेख करते हुए श्री जेटली ने कहा कि जीएसटी परिषद इस दिशा में निरंतर काम कर रही है और जीएसटी प्रणाली में स्थिरता आने को कर चोरी की रोकथाम के जरिये कर संग्रह बढ़ने और कर दायरा बढ़ने से इन स्‍लैबों को अपेक्षित ढंग से तर्कसंगत बनाना संभव हो जाएगा। मंत्री महोदय ने कहा कि उनके अनुमान के अनुसार गैर-तेल श्रेणी में अप्रत्‍यक्ष कर संग्रह में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि होने की आशा है, जिससे निकट भविष्‍य में टैक्‍स स्‍लैब स्‍वत: ढंग से ही तर्कसंगत हो जाएंगे।

      श्री जेटली ने अपने संबोधन के समापन में विभिन्‍न राज्‍यों के वित्‍त मंत्रियों और अधिकारियों का धन्‍यवाद करते हुए कहा कि उनके सहयोग के बिना आज जीएसटी इस तरह से अत्‍यंत सफल नहीं हो पाता। मं‍त्री महोदय ने कहा कि वैसे तो जीएसटी की प्रथम वर्ष की उपलब्धियों पर प्रसन्‍न होने के कई कारण हैं, लेकिन समाज में इसके बहुमूल्‍य योगदान के रूप में जीएसटी का सर्वोत्‍तम नतीजा आना अभी बाकी है।

      इस अवसर पर केन्‍द्रीय रेल, कोयला, वित्‍त और कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री पीयूष गोयल ने जीएसटी को सफल बनाने के लिए अथक प्रयास करने वाले राज्‍यों के नेतृत्‍व सहित समस्‍त हितधारकों को बधाई दी, जिनमें विभिन्‍न राजनीतिक दल, अधिकारीगण और व्‍यापार एवं उद्योग जगत भी शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि‍ जीएसटी सहकारी एवं सहयोगात्‍मक संघवाद का एक प्रतीक है और जीएसटी दिवस 1.25 अरब भारतीयों का विशेष दिवस है। अत: इसका जश्‍न मनाया जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि हमें जीएसटी की उल्‍लेखनीय सफलता के लिए एक-दूसरे को बधाई देनी चाहिए।

      इस अभूतपूर्व कर सुधार का उल्‍लेख करते हुए श्री गोयल ने कहा कि डॉ. अम्‍बेडकर ने एक संविधान के जरिये पूरे राष्‍ट्र को एक सूत्र में बांधा था, सरदार पटेल ने भौगोलिक दृष्टि से विखंडित राष्‍ट्र को एकजुट किया था और अब जीएसटी एक ऐसा उल्‍लेखनीय सुधार साबित हुआ है जिसने ‘एक राष्‍ट्र, एक कर, एक बाजार’ के सिद्धांत के जरिये पूरे राष्‍ट्र को एक आर्थिक संघ में तब्‍दील कर दिया है। उन्‍होंने कहा कि दुनिया में इतना विशाल ऐसा कोई भी देश नहीं है, जो इतने अधिक क्षेत्रीय सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक हितों के बावजूद इतिहास में इतने व्‍यापक कर सुधार को सफलतापूर्वक लागू कर पाया है।

      श्री गोयल ने कहा कि इस सुधार ने कर प्रशासन को सरल बना कर और अप्रत्‍यक्ष करों के ईमानदारीपूर्वक भुगतान के जरिये देश के व्‍यापार एवं उद्योग जगत की संस्‍कृति में व्‍यापक बदलाव लाकर टैक्‍स की चोरी जैसी अवैध गतिविधियों पर विराम लगा दिया है। उन्‍होंने कहा कि भारत के युवाओं ने पूरे उत्‍साह के साथ इस कर सुधार को अपनाया है। श्री गोयल ने कहा कि यह कर सुधार भारत की युवा पीढ़ी को समर्पित है, जो अपने कारोबार का संचालन वैधानिक और पारदर्शी ढंग से करना चाहती है।

      श्री गोयल ने जीएसटी को छोटे कारोबारियों के लिए ‘गेम चेंजर’ बताते हुए कहा कि 20 लाख रुपये तक के कारोबार (टर्नओवर) वाले उद्यमों को जीएसटी से मुक्‍त कर दिया गया है और एक करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले उद्यमों को 1 प्रतिशत टैक्‍स देना पड़ता है। उन्‍होंने कहा कि संसद के मानसून सत्र में एक संशोधन के जरिये इस सीमा को बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये तक के कारोबार को इसके दायरे में लाने का मन बनाया गया है।

      जीएसटी के तहत टैक्‍स स्‍लैबों में कमी का उल्‍लेख करते हुए श्री गोयल ने यह स्‍पष्‍ट किया कि भारत के सामाजिक-आर्थिक हालात को ध्‍यान में रखते हुए जीएसटी परिषद में व्‍यापक विचार-विमर्श के बाद टैक्‍स के विभिन्‍न स्‍लैब तय किये गये हैं। मंत्री महोदय ने देश के नागरिकों को कर चोरी की प्रवृत्ति समाप्‍त करने में मदद करने और जीएसटी की सफलता तथा इस देश के विकास में पूरे उत्‍साह के साथ सहयोग करने के लिए प्रोत्‍साहित किया।

      इस अवसर पर वित्‍त राज्‍य मंत्री श्री शिव प्रताप शुक्‍ला ने कहा कि 01 जुलाई, 2017 की मध्‍य रात्रि से जीएसटी को लागू किया जाना संभवत: भारत की आजादी के बाद ऐसा दूसरा ऐतिहासिक अवसर है, जिस दौरान सांसदों ने मध्‍य रात्रि में सदन में बैठकर देश में ऐतिहासिक बदलाव सुनिश्चित किया। उन्‍होंने कहा कि इस तरह के ऐतिहासिक निर्णयों में शुरुआत में आने वाली अनेक कठिनाइयों के बावजूद आम आदमी अब जीएसटी को अच्‍छी तरह से समझ गया है और इसके साथ ही वह जीएसटी के कार्यान्‍वयन में पूरी ईमानदारी के साथ योगदान कर रहा है।

      वित्‍त सचिव डॉ. हसमुख अधिया ने ‘प्रथम जीएसटी दिवस’ को सहकारी संघवाद की भावना के साथ जश्‍न मनाने का दिवस बताया, जो जीएसटी की सफल यात्रा में जीएसटी परिषद के कामकाज में स्‍पष्‍ट रूप से नजर आती है। उन्‍होंने कहा कि इस कर सुधार से महंगाई और राजस्‍व संग्रह पर कुछ भी प्रतिकूल असर नहीं पड़ा है और एक साल की छोटी सी अवधि में ही जीएसटी में स्थिरता आ गई है।

      डॉ. अधिया ने विभिन्‍न आंकड़ों के जरिये अपनी दलील को सही बताते हुए कहा कि पिछले नौ महीनों के दौरान हर माह औसतन 89,885 करोड़ रुपये के अप्रत्‍यक्ष कर का संग्रह हुआ है। इसके अलावा अप्रैल में 1.03 लाख करोड़ रुपये, मई में 94,016 करोड़ रुपये और जून में 95,610 करोड़ रुपये के कर संग्रह से यह स्‍पष्‍ट होता है कि जीएसटी में स्‍थायित्‍व आ गया है। अपने संबोधन के समापन में डॉ. अधिया ने फर्जी बिलों को स्‍वीकार करने की प्रवृत्ति को समाप्‍त करने और जीएसटी को सही अर्थों में सफल बनाने के लिए व्‍यापार एवं उद्योग जगत से व्‍यापक सहयोग करने को कहा।

सीबीआईसी के अध्‍यक्ष श्री एस.रमेश ने जीएसटी को लागू किये जाने के बाद पिछले वर्ष को एक उल्‍लेखनीय वर्ष बताया।

इस अवसर पर उद्योग जगत की अनेक हस्तियां उपस्थित थीं, जिनमें सीआईआई के अध्‍यक्ष श्री राकेश भारती मित्‍तल, फिक्‍की के अध्‍यक्ष श्री आर.शाह, एसोचैम के अध्‍यक्ष श्री संदीप जजोदिया, पीएचडी वाणिज्‍य एवं उद्योग मंडल के श्री अनिल खेतान और भारतीय सूक्ष्‍म, लघु एवं मझोले उद्यमों के संघ (फिस्‍मे) के अध्‍यक्ष श्री दिनेश चंद्र त्रिपाठी शामिल हैं।

इन सभी ने भारत के इतिहास में सबसे बड़े कर सुधार को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए सरकार को बधाई दी। उन्‍होंने कहा कि जीएसटी ने वास्‍तव में भारत में कारोबार करने के तौर-तरीकों में बदलाव ला दिया है।

इस अवसर पर श्री गोयल और श्री शुक्‍ला ने जीएसटी को सफलतापूर्वक लागू करने में उल्‍लेखनीय योगदान देने के लिए 35 अधिकारियों को प्रशस्ति प्रमाण पत्र प्रदान किये।

इस अवसर पर जो अन्‍य गणमान्‍य व्‍यक्ति उपस्थित थे, उनमें वित्‍त मंत्रालय में सचिव श्री महेन्‍द्र सिंह, जीएसटी परिषद के सदस्‍य, मुख्‍य आर्थिक सलाहकार, सीबीडीटी के अध्‍यक्ष, जीएसटीएन के अध्‍यक्ष, सीबीआईसी के पूर्व अध्‍यक्ष और मंत्रालय एवं सीबीआईसी के अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारीगण तथा उद्योग चैम्‍बरों के सदस्‍यगण भी शामिल हैं।

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