नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक एवं आर्थिक संबंधों के विशेष महत्व को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति श्री बराक ओबामा द्वारा वर्ष 2015 में भारत-अमेरिकी सामरिक वार्ता को सामरिक एवं वाणिज्यिक वार्ता में बदलने का निर्णय लेने के बाद भारत और अमेरिका के बीच दूसरी सामरिक एवं वाणिज्यिक वार्ता (एसएंडसीडी) 30 अगस्त, 2016 को नई दिल्ली में होगी।
इस अवसर पर 30 अगस्त को पूर्वाह्न में भारतीय और अमेरिकी कंपनियों के सीईओ के बीच बातचीत होने की संभावना है, जबकि दोपहर में समग्र सामरिक एवं वाणिज्यिक वार्ता होगी। इसमें भारतीय पक्ष की अगुवाई विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज और वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण करेंगी। अमेरिकी दल की अगुवाई अमेरिकी विदेशी मंत्री श्री जॉन केरी और अमेरिकी वाणिज्य मंत्री सुश्री पेन्नी प्रित्जकर द्वारा की जाएगी। इस दौरान सीईओ फोरम के दो सह-अध्यक्ष भारत के टाटा ग्रुप के चेयरमैन साइरस मिस्त्री और अमेरिका की हनीवेल इंटरनेशनल के चेयरमैन एवं सीईओ डेव कोटे भी उपस्थित रहेंगे। इसके बाद शाम साढ़े चार बजे दोनों ही क्षेत्रों के तहत अलग-अलग द्विपक्षीय चर्चाएं होंगी।
पहली समग्र सामरिक एवं वाणिज्यिक वार्ता सितम्बर 2015 में वाशिंगटन डीसी में हुई थी जिसमें सामरिक एवं वाणिज्यिक क्षेत्रों के तहत सहयोग पर केंद्रित विशेष क्षेत्रों की पहचान की गई थी। इस सामरिक एवं वाणिज्यिक वार्ता में दोनों ही क्षेत्रों के तहत सहमति वाले विभिन्न मुद्दों पर अब तक हुई प्रगति की समीक्षा की जायेगी और आगामी साल के लिए इस बारे में रूपरेखा तैयार की जायेगी।
वाणिज्यिक वार्ता
सामरिक एवं वाणिज्यिक वार्ता के तहत वाणिज्यिक वार्ता का नेतृत्व भारत की ओर से श्रीमती निर्मला सीतारमण और अमेरिका की ओर से सुश्री पेन्नी प्रित्जकर करेंगी। दोनों मंत्री सीईओ फोरम की अध्यक्षता करेंगी, जिनके साथ दोनों सह-अध्यक्ष भारत की ओर से टाटा संस के चेयरमैन साइरस मिस्त्री और अमेरिका की ओर से हनीवेल के चेयरमैन डेव कोटे होंगे। इस फोरम ने जनवरी 2015 और सितम्बर 2015 में हुई अपनी बैठकों के दौरान विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों पर व्यापक सिफारिशें प्रस्तुत कीं थीं। दोनों देशों की सरकारों ने इन प्रस्तावों को संज्ञान में लिया है तथा व्यवसायियों के बीच और ज्यादा आदान-प्रदान किए जाने को भी बढ़ावा दिया है। सीईओ फोरम की सिफारिशों के बाद जिन क्षेत्रों में आवश्यक कदम उठाए गए उनमें निम्नलिखित प्रमुख हैं:
• नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सीईओ फोरम द्वारा की गई सिफारिशों के अनुरूप दोनों पक्ष अमेरिका-भारत ऊर्जा वित्त संबंधी कदमों पर काम कर रहे हैं जिनसे वर्ष 2020 तक 400 मिलियन डॉलर तक जुटाए जाने की आशा है।
• इसी तरह रक्षा उत्पादन से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार ने एक नई रक्षा खरीद प्रक्रिया की शुरुआत की है, जिससे भारत में रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में उपलब्ध व्यापक अवसरों से लाभ उठाना और भी ज्यादा आसान हो गया है।
• भारत सरकार ने स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए 33 शहरों का चयन किया है और वह इनमें से तीन शहरों के लिए अमेरिका के साथ सहयोग करेगी। यही नहीं, अमेरिका-भारत सीईओ फोरम में एक स्मार्ट सिटी रणनीतिक रूपरेखा विकसित की है।
• अमेरिका-भारत सीईओ फोरम की अगुवाई में डिजिटल बुनियादी ढांचे से जुड़े सर्वोत्तम तौर-तरीकों के आदान-प्रदान पर कार्यशालाएं 2-5 अगस्त, 2016 के दौरान नई दिल्ली, जयपुर और विशाखापत्तनम में आयोजित की गई थीं जो अत्यंत उपयोगी साबित हुईं।
• दोनों ही पक्ष 15 सितंबर, 2016 को नई दिल्ली में होने वाले क्षेत्रीय वैश्विक संपर्क सम्मेलन में सभी हितधारकों की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए आपस में मिल-जुलकर कार्य कर रहे हैं।
• एफडीआई सुधार: एफडीआई सुधार संबंधी कदमों के तहत एफडीआई नीति को और ज्यादा सरल बनाया गया है तथा शर्तों में ढील दी गई है। फार्मा, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, रक्षा उत्पादन और रेलवे समेत विभिन्न क्षेत्रों में नियमों में ढील दी गई है।
30 अगस्त को होने वाली सीईओ फोरम की बैठक में उन सिफारिशों की दिशा में उठाए गए कदमों की ताजा स्थिति की समीक्षा की जाएगी, जो इस फोरम द्वारा वर्ष 2015 में हुई अपनी दो पिछली बैठकों में पेश की गई थी। इस बैठक में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार एवं निवेश को और ज्यादा बढ़ाने के लिए नई सिफारिशें पेश की जाएंगी।