इंडोनेशिया का लॉमबोक द्वीप रविवार को भूकंप के दो झटकों से एक बार फिर हिल गया. कुछ दिन पहले ही यहां आए शक्तिशाली भूकंप में सैकड़ों लोग मारे गए थे.
रविवार को 6.3 तीव्रता के भूकंप की वजह से बेलांटिंग क़स्बे में कई घर धराशाई हो गए हैं और एक व्यक्ति की मौत हो गई है. द्वीप के पूर्वी हिस्से में आए भूकंप की वजह से भूस्खलन भी हुए हैं. भूकंप के बाद डरे हुए लोग घरों और दफ़्तरों से बाहर निकल आए.
इसके बाद इसी इलाक़े में 7.0 की तीव्रता का एक और भूकंप आया. भूकंप में किसी के हताहत होने के बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है.
इसी इलाक़े में 5 अगस्त को आए 6.9 तीव्रता के भूकंप में करीब 460 लोग मारे गए थे और हज़ारों घायल हुए थे. इस भूकंप में सैंकड़ों घर, कई मस्जिदें और दफ़्तर धराशाई हो गए थे. इससे प्रभावित हुए लाखों लोगों में कई पर्यटक भी शामिल थे.
इससे पहले यहां 29 जुलाई को 6.4 तीव्रता के भूकंप आया था जिसकी वजह से भी भूस्खलन हुआ था और कम से कम 16 लोग मारे गए थे.
भूकंप के कारण लोगों में दहशत
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता सुतूपो पूर्वो नूग्रोहो ने मीडिया को बताया, “रविवार को आए पहले भूकंप का केंद्र ज़मीन से 7.9 किलोमीटर नीचे था. इसकी वजह से लोगों में दहशत फैल गई और वो अपने घरों से बाहर निकल आए.”
स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक़ एक व्यक्ति की मौत डर की वजह से हुई है.
कम से कम सौ घरों को इस भूकंप की वजह से नुकसान पहुंचा है.
पूर्वी लॉमबोक के रहने वाले अगुस सलीम ने समाचार एजेंसी एएफ़पी को बताया, “मैं विस्थापित लोगों के लिए राहत सामग्री ले जा रहा था तभी मैंने बिजली के खंभे को बुरी तरह हिलते हुए देखा. डरे हुए लोग चिल्लाने लगे और इधर-उधर दौड़ने लगे.”
एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक़ द्वीप की राजधानी माताराम में बाज़ारों की बिजली चली गई और लोग अपने घरों से बाहर की ओर दौड़ने लगे.
एक चश्मदीद एंड्री सुसांतो ने एएफ़पी को बताया, “अभी लोग पिछले भूकंप की वजह से ही सहमे हुए हैं और झटके आने बंद नहीं हुए हैं.” 5 अगस्त को आए भूकंप की वजह से भारी तबाही हुई थी
भूकंप के कारण भूस्खलन
दूसरे भूकंप का केंद्र बेलांग्टिंग के दक्षिण में ज़मीन से दस किलोमीटर नीचे बताया जा रहा है. इसकी वजह से एक राष्ट्रीय उद्यान में भी भूस्खलन हुआ है. यहां पिछले भूकंप की वजह से अभी भी सैकड़ों हाइकर फंस. अधिकारियों के मुताबिक़ पिछले भूकंप की वजह से लॉमबोक की अर्थव्यवस्था को कम से कम 34.2 करोड़ डॉलर का नुकसान पहुंचा है. ये बाली द्वीप के पूर्व में स्थित 4500 वर्ग किलोमीटर का एक द्वीप है. इंडोनेशिया में आम तौर पर भूकंप आते रहते हैं क्योंकि वो ‘रिंग ऑफ़ फ़ायर’ पर स्थित है. ये वो क्षेत्र है जहां भूकंपों का आना और ज्वालामुखी का फटना आम बात है. source: bbc.com/hindi