नई दिल्ली: इंडोनेशिया की प्रतिनिधि सभा के उपाध्यक्ष श्री फदली जॉन के नेतृत्व में इंडोनेशिया के एक उच्च स्तरीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने आज भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात की। इस प्रतिनिधि मंडल में इंडोनेशिया के दो संसद सदस्यों के साथ-साथ संसद और विदेश मामले मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे।
इंडोनेशिया के राजदूत श्री रिजाली विलमर इन्द्राकेसुमा और दूतावास के वरिष्ठ अधिकारी भी प्रतिनिधि मंडल के साथ उपस्थित थे। प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. नसीम जैदी और चुनाव आयुक्त श्री ए.के. जोती से मुलाकात की।
चुनाव आयुक्त श्री जोती ने अपने संबोधन में भारत और इंडोनेशिया के बीच करीबी संबंधों पर चर्चा की और मेहमान प्रतिनिधि मंडल को भारतीय चुनावों में भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा की जा रही पहलों और अभिनव प्रयोगों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आयोग अपनी विशिष्टता को बनाए रखते हुए इलेक्ट्रोनिक मतदान मशीनों के उपयोग को शामिल करने के साथ तकनीकी अभिनव प्रयोग कर चुका है। उन्होंने बताया कि इन मशीनों का पिछले तीन आम चुनावों में सफलता के साथ प्रयोग किया जा चुका है और इनकी उपयोगिता, प्रमाणिकता और स्थिरता बिना किसी शक के सिद्ध हो चुकी है।
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. नसीम जैदी ने राजनीतिक, सांस्कृतिक और व्यावसायिक क्षेत्रों में भारत और इंडोनेशिया के दशकों पुराने मजबूत संबंधों का उल्लेख किया। उन्होंने 2011 में हस्ताक्षरित समझौते पत्र के प्रारूप में खासतौर पर भारत और इंडोनेशिया के चुनाव आयोगों के बीच करीबी सहयोग और वर्तमान में भारत की अध्यक्षता में एशियाई चुनाव अधिकारियों की एसोसिएशन में दोनों देशों के समन्वय पर भी चर्चा की। उन्होंने इंडोनेशिया के जनरल इलेक्शन कमीशन के साथ अनुभवों और कौशल के आदान-प्रदान के माध्यम से आगामी संबंधों को और मजबूत बनाने की भी इच्छा जताई।
विश्व में सबसे बड़े चुनाव कार्यक्रम को प्रबंधित करने में भारतीय निर्वाचन आयोग की भूमिका और कार्य तथा आधारभूत ढांचे के बारे में जानकारी देने के लिए इंडोनेशिया के प्रतिनिधि मंडल के समक्ष एक पॉवर पोइंट प्रस्तुत भी की गई। इसके अलावा आम चुनाव 2014 को संपन्न कराने पर एक लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया। आगन्तुक प्रतिनिधि मंडल को इलेक्ट्रोनिक मतदान मशीन और मतदाता सत्यापन दस्तावेज़ निरीक्षण उपकरण का भी प्रदर्शन किया गया। प्रतिनिधियों ने खासतौर पर इलेक्ट्रोनिक मतदान मशीन में अपनी रूचि दिखाई और वे भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा मतदान और मतों की गिनती के लिए उपयोग की जा रही तकनीक से प्रभावित हुए।