लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि विगत 05 वर्षाें में राज्य ने सुदृढ़ कानून-व्यवस्था के सम्बन्ध में उदाहरण स्थापित किया है। इसके परिणामस्वरूप प्रदेश एक मॉडल स्टेट के रूप में विकसित हो रहा है। प्रदेश से संगठित अपराध तेजी से समाप्ति की ओर है। माफिया एवं अपराधियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई किये जाने के साथ ही, उनके द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गयी 2081 करोड़ रुपये की धनराशि जब्त की गयी है। उन्होंने कहा कि माफिया व अपराधियों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई निरन्तर जारी रहनी चाहिए। प्रदेश की 25 करोड़ जनता की सुरक्षा और सम्मान के लिए पुलिस प्रशासन को 24 घण्टे मुस्तैद रहना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां शास्त्री भवन में विविध सेक्टर के विभागों के प्रस्तुतिकरण के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। विविध सेक्टर के अन्तर्गत गृह, कारागार प्रशासन, सचिवालय प्रशासन, नियुक्ति एवं कार्मिक तथा होमगार्ड्स विभागों का प्रस्तुतिकरण किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कैबिनेट मंत्रिगण का समूह बनाकर उन्हें फील्ड में भेजा जाएगा। कैबिनेट मंत्रियों की अध्यक्षता में 18 मंडलों के लिए 18 टीमें गठित कर 18 सप्ताह के लिए कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है। यह टीमें हर मंडल में 72 घंटे का प्रवास करेंगी तथा मण्डल के अलग-अलग जनपदों का भ्रमण करेंगी। भ्रमण के दौरान टीम द्वारा लोगों से संवाद के साथ ही व्यवस्था की पड़ताल की जाएगी और जनपद की संभावनाओं की परख भी की जाएगी। इसके उपरान्त सभी 75 जनपदों के नोडल अधिकारी इन टीमों की रिपोर्ट के आधार पर 15 दिन के अंदर क्रियान्वयन की योजना प्रस्तुत करेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने सचिवालय के भवनों में स्वच्छता और साफ-सफाई पर बल देते हुए कहा कि सचिवालय भवनों में पान-मसाला, गुटखा आदि वस्तुओं को पूरी तरह से प्रतिबन्धित किया जाए। सचिवालय भवनों में बिना वैध प्रवेश पत्र के किसी को भी प्रवेश न हो। सुनिश्चित किया जाए कि दलाल प्रकृति के व्यक्ति सचिवालय में प्रवेश न कर सकें। किसी भी पटल पर कोई भी पत्रावली 03 दिन से अधिक लम्बित नहीं रहनी चाहिए। सचिवालय भवनों को फसाड लाइटिंग सहित बेहतर लाइटिंग की व्यवस्था से प्रकाशित किया जाना चाहिए। फील्ड में तैनात अधिकारियों को अनावश्यक मुख्यालय न बुलाया जाए, उनके साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद बनाया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार सभी विभागीय रिक्तियों को शीघ्रता से भरने के लिए प्रतिबद्ध है। रिक्त पदों पर चयन के लिए समयबद्ध ढंग से अधियाचन भेजने के लिए ऑनलाइन पोर्टल की व्यवस्था की जाए। आगामी चयन वर्ष की सीधी भर्ती के लिए सभी विभागों द्वारा अधियाचन आगामी 31 मई से पूर्व भेजा जाए, ताकि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जा सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 05 वर्षाें में राज्य सरकार द्वारा पूरी तरह से स्वच्छ व पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से बिना भेदभाव के दक्ष युवाओं को सरकारी सेवाओं में सेवायोजित किया गया है। उन्होंने पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के साथ ही सेवायोजित युवाओं के प्रशिक्षण पर बल देते हुए कहा कि सम्बन्धित विभाग को इस दिशा में प्रभावी कार्यवाही करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन के लिए आगामी 100 दिवसों में प्रदेश में कार्मिकों के पटल परिवर्तन की प्रभावी व्यवस्था लागू की जाए। ज्येष्ठता आधारित विभागीय प्रोन्नतियों में एकरूपता के लिए उपयुक्तता का मानक निर्धारित किया जाए। समय से पदोन्नति न होने से कार्मिक के मनोबल पर प्रतिकूल असर पड़ा है। सभी विभागों में सभी विभागीय प्रोन्नतियां 30 सितम्बर तक किया जाना सुनिश्चित करें। वर्ष 2022-23 से 2026-27 तक के लिए वार्षिक स्थानान्तरण नीति वर्तमान माह के अंत तक जारी की जाए। विभागों के सीधी भर्ती के सभी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य रूप से इंडक्शन ट्रेनिंग की व्यवस्था लागू की जाए। हर प्रशासनिक विभाग द्वारा इंडक्शन ट्रेनिंग मॉड्यूल और वार्षिक प्रशिक्षण कैलेंडर तैयार किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सतत प्रयासों से कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग द्वारा गत वर्षों में बंदियों के रचनात्मक कार्यों को बढ़ावा दिया गया है। कारागारों में सुरक्षा व्यवस्था बेहतर हुई है। इसे और सुदृढ़ किए जाने की आवश्यकता है। कारागारों की सुरक्षा के लिए अधिक से अधिक तकनीक का उपयोग किया जाए। 100 दिनों में सात वीडियो कांॅन्फ्रेंसिंग इकाइयों का पुनर्स्थापन और कारागार मुख्यालय में मल्टी कॉन्फ्रेंस यूनिट की स्थापना की जाए। बंदियों की समय-पूर्व रिहाई के संबंध में लागू वर्तमान नीति में संशोधन की जरूरत को देखते हुए आगामी 100 दिनों में आवश्यक कार्यवाही कर ली जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कारागार की व्यवस्था को सुधार गृह के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। कारागार प्रशासन में मानवीय संवेदनशीलता भी आवश्यक है। बंदियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए जिले की प्रतिष्ठित स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग प्राप्त करने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि कारागार की व्यवस्था के साथ प्राकृतिक खेती, एम0एस0एम0ई0 तथा कौशल विकास को भी जोड़ा जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा पी0ए0सी0 की 54 कंपनियों को समाप्त कर दिया गया था। बेहतर कानून-व्यवस्था के उद्देश्य से वर्तमान राज्य सरकार द्वारा उन्हें पुनर्जीवित किया गया। साथ ही, नई पी0ए0सी0 बटालियन का गठन भी किया गया है। उन्होंने कहा कि जनपद रामपुर में कमांडो ट्रेनिंग सेंटर के लिए भूमि का चयन कर अग्रेतर कार्यवाही पूरी करायी जाए। आगामी 100 दिनों में अयोध्या जनपद में स्पेशल टास्क फोर्स (एस0टी0एफ0) की इकाई गठित की जाए। यूपी 112 के रिस्पॉन्स टाइम को और कम करते हुए 10 मिनट तक लाने के प्रयास किये जाएं। पुलिस, अभियोजन और संगठन के लिए चरणबद्ध रूप से सिंगल विंडो व्यवस्था लागू की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस द्वारा फुट पेट्रोलिंग का बड़ा महत्व है। फुट पेट्रोलिंग का कार्य प्रतिदिन होते रहना चाहिए। इस सम्बन्ध में एक पोर्टल विकसित किया जाए, जहां फुट पेट्रोलिंग से सम्बन्धित सम्पूर्ण विवरण दर्ज किया जा सके। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के क्रम में जनपद जालौन, मिर्जापुर और बलरामपुर में एक-एक नई महिला पी0ए0सी0 बटालियन के गठन के सम्बन्ध में प्रस्ताव तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि देवबंद, बहराइच, अलीगढ़, कानपुर सहित कई जनपदों में ए0टी0एस0 की नई फील्ड यूनिट गठित की जा रही है। इन नई इकाइयों के लिए आवश्यक मानव संसाधन, भवन आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डाटा एनालिटिक्स के लिए आई0आई0टी0 कानपुर की मदद से टूल विकसित किये जाने चाहिए। सी0सी0टी0वी0 में वीडियो एनालिटिक्स और मैनेजमेंट तकनीक को भी शामिल किया जाए, इससे इसकी प्रभावशीलता बढ़ेगी। उन्होंने अपराध अन्वेषण में प्रोफेशनल स्किल बढ़ाने के लिए ए0टी0एस0 टीम का भारत के विभिन्न संस्थानों में प्रशिक्षण कराने के अलावा एफ0बी0आई0, होम लैंड सिक्योरिटी जैसी जांच/खुफिया एजेंसियों के साथ विदेशी प्रशिक्षण भी कराये जाने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री जी ने एंटी ड्रोन अटैक सिस्टम और ड्रोन फॉरेंसिक के क्षेत्र में तकनीकी विकास की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश ए0टी0एस0 पुलिस स्टेशन की स्थापना की जाए। उन्होंने कहा कि स्पेशल पुलिस ऑपरेशन टीम (स्पॉट) की नई इकाई के लिए आगामी 100 दिनों में ऊर्जावान, दक्ष और समर्पित कार्मिकों का चयन किया जाए। केंद्रीय पुलिस बल/भारतीय सेना के सहयोग से इनका प्रशिक्षण कराया जाना चाहिए। इन्हें स्नाइपर ट्रेनिंग भी दिलाई जाए, साथ ही आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए विशेष एडवेंचर कोर्स भी कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जांच/अन्वेषण की व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के क्रम में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की तर्ज पर प्रदेश में 100 दिनों के अन्दर यू0पी0 स्पेशल पुलिस स्टेबलिशमेंट एक्ट तैयार कराया जाए। सार्वजनिक स्थानों पर सी0सी0टी0वी0 एवं 03 हजार पिंक बूथ की स्थापना के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट ग्रुप नियुक्त किया जाए। धार्मिक स्थलों के पास भी पिंक बूथ बनाए जाएं। बीट पुलिस सेवा से जुड़कर महिला कर्मियों ने अच्छा कार्य किया है। प्रत्येक महिला बीट सिपाही को स्कूटी उपलब्ध करायी जानी चाहिये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाल यौन शोषण से जुड़े अति संवेदनशील प्रकरणों में अतिरिक्त संवेदनशीलता अपेक्षित है। इसके लिए अभियोजन को और मजबूत किए जाने की जरूरत है। लखनऊ में फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट की स्थापना हो रही है। साइबर अपराध की वर्तमान स्थिति को देखते हुए लखनऊ में डिजिटल फॉरेंसिक लैब व परिक्षेत्र पर साइबर फॉरेंसिक लैब की स्थापना कराई जाए। प्रत्येक जनपद में फॉरेंसिक फील्ड यूनिट स्थापित कराई जाए। इसी प्रकार, हर थाने पर साइबर हेल्प डेस्क का गठन हो। साइबर थानों में नियुक्त कार्मिकों को फॉरेंसिक प्रशिक्षण भी दिलाया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नागरिक केंद्रित यूपी कॉप और बीट प्रहरी ऐप को और प्रभावी बनाये जाने की जरूरत है। इंसिडेंट कमांड कंट्रोल के लिए सभी जिलों में हाईटेक लॉ एण्ड ऑर्डर क्यू0आर0टी0 स्थापित करायी जाए। डिजिटल वॉलंटियर सी-प्लान ऐप से 20 लाख लोगों को जोड़ने की कार्यवाही हो।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शुचिता और पारदर्शिता के साथ पुलिस विभाग में रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाए। महिला पुलिस कार्मिकों की संख्या को दोगुना करने के लिए ठोस प्रयास किए जाएं। प्रत्येक विकास खण्ड स्तर पर अग्निशमन एवं जीवनरक्षा हेतु 100 स्वयंसेवकों को तैयार कर आवश्यक ट्रेनिंग दिलाई जाए। तहसील स्तर पर अग्निशमन केंद्र स्थापित करने के प्रयास हों। आपात स्थिति के लिए रिस्पॉन्स टाइम को और कम किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मेट्रो रेल की सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (यू0पी0एस0एस0एफ0) की टीम को प्रशिक्षित किया जाए। सहारनपुर, मथुरा, प्रयागराज, और गोरखपुर में यू0पी0एस0एस0एफ0 की एक-एक बटालियन का गठन किया जाए। सीतापुर में स्थापित पी0ए0सी0 की तीन वाहिनियों में से एक को अयोध्या तथा मुरादाबाद की एक वाहिनी को संभल में तैनात करना उचित होगा। इस दिशा में विचार किया जाए। जनपद बदायूं और लखनऊ में क्रमशः वीरांगना अवंतीबाई और उदा देवी जी के नाम पर गठित महिला पी0ए0सी0 बटालियन का संचालन आगामी 02 वर्ष में शुरू कर दिया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यातायात नियमों के उल्लंघन पर दण्ड स्वरूप निर्धारित चालान की राशि को स्पॉट पर ही जमा करने की सुविधा दी जाए। डेबिट/क्रेडिट कार्ड से भुगतान की व्यवस्था की जाए। जनपद मेरठ में कोतवाल धन सिंह गुर्जर स्टेट ऑफ आर्ट पुलिस ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना की कार्यवाही की जाए। घुड़सवार पुलिस, डॉग स्क्वॉयड तथा पुलिस बैण्ड को और प्रभावी बनाया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि होमगार्ड विभाग ने सतत प्रयासों से गत वर्षों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। होमगार्ड पुलिस बल के सहायक के रूप में अपनी भूमिका निभाते हैं। ऐसे में उनकी कार्य कुशलता और दक्षता में निरंतर प्रगति होनी आवश्यक है। महिला हेल्प डेस्क पर सैनेटरी नैपकीन डिस्पेंसर और इंसिनेरेटर की सुविधा होनी चाहिए। ‘1090’ को पब्लिक सेफ्टी अवेयरनेस प्वॉइंट का दर्जा दिया जाए।
प्रस्तुतिकरण के उपरान्त मंत्रिमण्डल के सदस्यों द्वारा अपने सुझाव भी दिए गए। विविध सेक्टर के अन्तर्गत अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने गृह विभाग व कारागार प्रशासन विभाग, अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक श्री देवेश चतुर्वेदी ने नियुक्ति एवं कार्मिक, अपर मुख्य सचिव होमगार्ड्स श्री अनिल कुमार ने होमगार्ड्स विभाग तथा प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन श्री अमृत अभिजात ने सचिवालय प्रशासन विभागों का प्रस्तुतिकरण किया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य एवं श्री ब्रजेश पाठक सहित मंत्रिमण्डल के सदस्यगण, मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।