देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक वातावरण सृजित करने तथा उद्योग एवं व्यापार को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होने कहा कि प्रदेश के आर्थिक विकास में उद्योगो की बड़ी भूमिका है। उद्यमियों की सहायता के लिये सरकार मददगार रहेगी। उद्योग संगठनों के सुझावों पर गंभीरता से अमल करने का भी उन्होने आश्वासन दिया।
मंगलवार को सचिवालय के केबिनेट हाल में सभी केबिनेट मंत्रियों के साथ इंडस्ट्रीज एशोसियेशन आफ उत्तराखण्ड के प्रतिनिधियों की बैठक को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उद्योगो को बढ़ावा देने के लिये सरकारी नियन्त्रण को कम से कम किया जायेगा। हम सब मिलकर राज्य में उद्योगो की गति को बढ़ावा देने के लिये कैसे बेहतर कार्य कर सकते है इस पर ध्यान दिया जाना जरूरी है। राज्य सरकार द्वारा इसके लिये अनुकूल वातावरण बनाने के लिये प्रभावी पहल की जा रही है।
उन्होने एशोसिएशन के सदस्यों से भी उद्योगो के लिये अनुकूल वातावरण तैयार करने में मददगार बनने को कहा। हम सभी को प्रदेश के व्यापक हित में सोचना होगा। उन्होने कहा कि ईज आफ डूइंग बिजनेस में उत्तराखण्ड को सर्वोच्च स्थान प्राप्त होना राज्य के लिये सम्मान की बात है। हम अपना यह स्थान आगे भी कायम रख सके इसके लिये सभी को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होने कहा कि प्रदेश में महिला उद्यमियों एवं महिला स्वंय सहायता समूहो को प्रोत्साहन देने के लिये भी योजना बनायी गई है। उन्होने उद्यमियों से हास्पिटिलिटी के साथ ही आरगनाइजेशन सराय बिजनेस के क्षेत्र में आगे आने को कहा। दुनिया में इस क्षेत्र में बड़े बदलाव दिखायी दे रहे है। चार धाम सहित अन्य क्षेत्रों में इसकी मार्केटिंग की बड़ी संभावना है। उन्होने कहा कि हमे अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बनाना होगा तभी हम व्यवस्था में भी सुधार ला सकते है।
इंडस्ट्रीज एशोसियेशन आफ उत्तराखण्ड के सदस्यों द्वारा उठायी गई समस्याओं का समाधान करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि इंडस्ट्रीज एशोसियेशन के प्रतिनिधियों की केबिनेट मंत्रियों के साथ बैठक उद्योगो को बढ़ावा देने तथा उद्यमियों की सहायता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का घोतक है। उन्होने उद्यमियों से उद्योगो का रोड मेप तैयार करने की भी अपेक्षा की।
उन्होने कहा कि जनपद स्तर पर उद्यमियों की सहायता के लिये जिला उद्योग समन्वय समिति का गठन किया जायेगा तथा जनपदों में इकोनामी डेवलपमेंट आफिसरों की तैनाती किये जाने का प्रयास किया जाए। एमएसएमई के तहत पृथक से समन्वय समिति भी गठित की जायेगी। उद्योगो में सेल्फ सार्टिफिकेशन की व्यवस्था में सुधार किया जायेगा। उद्योग मित्र की बैठके नियमित रूप से की जायेगी जिसमें सम्बंधित अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य की जायेगी।
उद्योगो को दक्ष मानव संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा मे भी कारगर प्रयास किये जायेंगे। पर्वतीय क्षेत्रों में उद्योगो को बढ़ावा देने के लिीये इंश्योरेन्स सिस्टम में सरकार द्वारा आवश्यक मदद की जायेगी। व्यापार कर के लिये सभी राष्ट्रीयकृत बैंको को अधिकृत किये जाने पर भी विचार किया जायेगा। राज्य में प्रमुख स्थलों पर लगभग 1000 वेंडिग मशीन लगाये जाने पर भी उन्होने सहमति प्रदान की। उन्होने उद्यमियों से पूजा सामग्री व सोविनियर के क्षेत्र में भी आगे आने को कहा। इसके लिये जीएमवीएन0 एवं के0एम0वि0नि0 के साथ उद्योगो की एमओयू भी किया जायेगा।
राज्य के स्ट्रीट वैंडरो को भी संगठित किये जाने तथा लोकल परचेज पालिसी बनाने का भी मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया। इसके अतिरिक्त ईएसआई डिस्पेंसरी यूपी के समय से स्थापित उद्योगो को मेंटिनेंस चार्जेज से छूट देने हर बार प्रोडेक्शन पर सिडकुल से परमिशन लेने में छूट व उद्यमियों को डोमिशायल आदि प्रदान करने के सम्बंधित समस्याओं के निराकरण का भी मुख्यमंत्री आश्वसन दिया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि वे एक डेढ़ माह बाद एशोसियेशन के सदस्यों से फिर वार्ता करेंगे तथा समस्याओं के निराकरण का प्रयास करेंगे।