नई दिल्ली: मंत्रालय ने एमएसएमई विकास अधिनियम, 2006 के अंतर्गत 18 सिंतंबर, 2015 को अधिसूचित किया कि प्रत्येक एमएसएमई इकाई को उद्योग आधार मेमोरेंडम दाखिल करना
होगा। यह भारत में एमएसएमई क्षेत्र में कोरबार को सहज बनाने में पथ प्रदर्शक है। यूएएम ने पहले प्रत्येक राज्य / केंद्र शासित प्रदेश में दाखिल किए जाने वाले उद्यमी मेमोरेंडम( ईएम भाग 1 और भाग 2 ) का स्थान लिया है। हालांकि कुछ राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों ने या तो स्वयं या मंत्रालय द्वारा बनाए गए पोर्ल के माध्यम से प्रक्रिया को ऑनलाइन बना दिया है लेकिन कई राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश अभी भी मैनुअल तरीके से यूएएम दाखिल करा रहे हैं। विस्तृत रूप से भरा जाना वाला ईएम को खत्म कर दिया गया है और छोटे तथा मझोले क्षेत्र के उद्यमियों को उद्योग आधार नंबर प्राप्त करने के लिए http://udyogaadhaar.gov.in पर केवल एक पन्ने का यूएएम दाखिल करना होगा। आन लाइन यूएएम दाखिल करते समय दी जाने वाली सूचना स्व-प्रमाणित होगी और किसी तरह का समर्थनकारी दस्तावेज नहीं देना होगा।
दि आधार नंबर है तो कोई व्यक्ति ऑनलाइन यूएएम दाखिल कर सकता है। लेकिन जिनके पास आधार नंबर नहीं है उनके सहित सभी अपवाद मामलों में यूएएम ऑफलाइन यानी कागजी रूप में संबद्ध जिला उद्योग केंद्रों (डीआईसी)के प्रबंध निदेशक कार्यालय में दाखिल किए जा सकते हैं।
यूएएम की अवधारणा 03.10.2014 को प्रसारित प्रधानमंत्री की मन की बात तथा एमएसएमई क्षेत्र की वित्तीय संरचना पर बनी कामथ समिति की रिपोर्ट से सामने आई है।राष्ट्रीय एमएसएमई बोर्ड तथा एमएसएमई अधिनियम के लिए सलाहकार समिति में इस विषय पर व्यापक विचार –विमर्श हुआ है। आशा की जाती है कि एक पन्ने के इस सरल मेमोरेंडम से एमएसएमई की क्षमता सामने आएगी और अंतर्राष्ट्रीय रैंकिग में हमारे कारोबार का सूचकांक ऊपर होगा। तीन महीने की संक्षिप्त अवधि में देश में 100, 368 यूएएम दाखिल किए गए हैं।
पंजीकरण का राज्यवार ब्यौरा http://udyogaadhaar.gov.in/UA/Reports/StateBasedReport_R3.aspx पर देखा जा सकता है।