लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने सिनेमा गृहों के सुदृढ़ीकरण तथा छविगृहों को मनोरंजन के दृष्टिकोण से अधिक सुविधाजनक तथा आकर्षक बनाने के लिए उनके सुदृढ़ीकरण किये जाने छविगृहों के विस्तार, उच्चीकरण, तथा छविगृहों को पुर्नजीवित करने के लिए छविगृहों को उद्योग का दर्जा प्रदत्त किया जा चुका है। राज्य सरकार उनके विकास एवं सुदृढ़ीकरण हेतु ठोस रणनीति निर्धारित की है जिसके तहत उनको आकर्षक एवं उपयोगी बनाने की अच्छी शुरूआत की जा रही है।
राज्य सरकार ने छविगृह परिसरों का अनुरक्षण और वातानुकूलन/वायुशीतन सुविधाओं की व्यवस्था किये जाने के लिए सिनेमा मालिकों को सिनेमा टिकटों की शुल्क का उपयोग करने की सुविधा प्रदत्त की है। मनोरंजन कर विभाग द्वारा इस सम्बंध में शासनादेश भी निर्गत किया जा चुका है।
शासन ने नवीन छविगृहों के लिए सिनेमाघरों की आच्छादित भूमि के क्षेत्रफल के 30 प्रतिशत की अधिकतम सीमा तक का उपयोग वाणिज्यिक प्रयोजन हेतु करने का छूट प्रदान कर दी है। छविगृहों के सफल व्यवसायिक संचालन के लिए नियमित तथा निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए छविगृहों के मालिकों द्वारा कैप्टिव पावर प्लाण्ट जनरेटर की व्यवस्था हेतु सरकार द्वारा उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है। इन संयत्रों द्वारा उत्पादित विद्युत पर तीन वर्षो के लिए किसी प्रकार की विद्युत ड्यूटी नहीं लगायी जायेगी।
सरकार ने अन्य उद्योगों की भाॅति यदि छविगृह निर्धारित अवधि में वार्षिक मिनिमम कन्जम्पशन गारण्टी कुछ ही माह में पूर्ण कर लेते है तो वर्ष के शेष भाग में उनकी बिलिंग वास्तविक विद्युत उपयोग के आधार पर की जायेगी। उद्योग के प्रतिनिधियों से परामर्श के बाद सिनेमा ग्राफी नियमावली तथा सिनेमा से सम्बंधित अन्य कानूनों में आवश्यक संशोधन किये जायेंगे ताकि मल्टीप्लेक्स एवं छोटे छविगृहों के निर्माण तथा स्थापना का मार्ग प्रशस्त हो सके।