लखनऊ: जनता पर महंगाई की मार लगातार बढ़ रही है। प्रदेश एवं केन्द्र की भाजपा सरकारों की गरीब विरोधी नीतियों का दुष्परिणाम है कि खाद्य पदार्थो की कीमतों में लगातार वृद्धि जारी है। देश की जनता महंगाई की चौतरफा मार झेल रही है और योगी एवं मोदी जी की सरकारें संवेदनहीनता की पराकाष्ठा को पार कर चुकी हैं। गरीबों की पहुंच से जीवन यापन की आवश्यक सामग्री जैसे सब्जी, दाल, तेल, दवाइयां इत्यादि दूर हो रहे हैं।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ0 उमा शंकर पाण्डेय ने कहा कि जुलाई 2022 की तुलना में अगस्त महीने के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के अनुसार दूध व दुग्ध उत्पादों की कीमतों में 6.39 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसी प्रकार खाद्य तेल व वनस्पति में 4.62 प्रतिशत, सब्जी में 13.23 प्रतिशत, अनाज की कीमतों में 9.57 प्रतिशत, मसाला 14.90 प्रतिशत, ईधन व बिजली में 10.78 प्रतिशत, कपड़ा व फुट वियर में 9.91 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। खुदरा महंगाई दर 0.29 प्रतिशत बढ़कर रिकार्ड स्तर तक पहुंच गयी है।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि सच तो यह है कि महंगाई को लेकर यह सरकार लगातार अपने वादों के विपरीत आम जनता के खिलाफ काम कर रही है। भाजपा सरकार वर्ष 2014 में जनता से किये गये वादों को भूल चुकी है। अन्य वादों की ही तरह महंगाई पर नियंत्रण भी जुमला साबित हुआ है। मई 2014 की तुलना में सभी वस्तुओं की कीमतों में रिकार्ड तोड़ वृद्धि हुई है। मई 2014 की तुलना में आटा 21 रूपये प्रतिकिलो से बढ़कर 2022 में 30 रूपये प्रतिकिलो तक पहुंच गया है। इसी प्रकार चावल 29 रूपये प्रतिकिलो से 35 रूपये प्रतिकिलो तक चला गया है। दूध 36 रूपये प्रतिलीटर से बढ़कर 50 रूपये प्रतिलीटर से अधिक हो गया है। अरहर की दाल 70 रूपये प्रतिकिलो से बढ़कर 125 रूपये प्रतिकिलो तक पहुंच गयी है। सरसों का तेल 80 रूपये प्रतिलीटर से बढ़कर 185 रूपये प्रतिलीटर तक पहुंच गया है।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि सिर्फ खाद्य पदार्थों की कीमतों में ही नहीं बल्कि भाजपा सरकारों ने जनता को चौतरफा महंगाई की मार से बेहाल कर दिया है। मई 2014 की तुलना में पेट्रोल की कीमतों में 26 रूपये प्रतिलीटर का इजाफा, डीजल में 33 रूपये प्रतिलीटर की बढ़ोत्तरी, रसोई गैस में औसतन 600 रूपये प्रति सिलंेडर की वृद्धि, सीएनजी में 38 रूपये प्रतिकिलो तथा पीएनजी में 23 रूपये प्रति एससीएम का इजाफा हो चुका है।
डॉ उमा शंकर पाण्डेय ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार एवं राज्य की योगी सरकार ने जनता की जेब से पैसे निकालने के सभी ‘‘हथकंडे’’ अपना रखे हैं। रोजमर्रा की जरूरतों के साथ ही कृषि में उपयोग आने वाली वस्तुओं जैसे खाद, बीज, कीटनाशक, एव अन्य कृषि उपकरणों के मूल्य 40 प्रतिशत से अधिक बढ़ा दिये गये हैं। जीवनदायनी दवाओं के मूल्य भी लगातार बढ़े हैं। यात्रा भाड़ा से लेकर मॉल ढुलाई के किराये में भी जबरदस्त बढ़ोत्तरी की गयी है। बैंकों में पैसा रखना व एटीएम से निकालना भी महंगा कर दिया गया है। प्लेटफार्म टिकट हो या रेस्टोरेंट में खाना, होटल में प्रवास या सिनेमा हॉल में फिल्म देखना, मोबाइल का रिचार्ज हो अथवा मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना सहित अन्य सभी जरूरत की वस्तुओं पर मूल्य वृद्धि कर भाजपा सरकार ने स्वंय को गरीब विरोधी सिद्ध कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह सरकार महंगाई पर नियंत्रण करने के बजाय आंकड़ो की बाजीगरी करते हुए खबरों पर नियंत्रण कर रही है। उन्होंने योगी सरकार से मांग की है कि तत्काल महंगाई पर अंकुश लगाते हुए आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में कमी लायी जाये।