नई दिल्ली: सूचना और प्रसारण सचिव श्री बिमल जुल्का ने कहा कि गुणात्मक जानकारी प्रवाह और नागरिकों के नये नवाचारों के साथ सरकार की संचार रणनीति के साथ संबंध से जन केन्द्रित संचार को बढ़ावा मिला है। इससे सभी मंचों पर सरकार के संचार की पहुंच और प्रत्यक्षता बढ़ाने में मदद मिली है। श्री जुल्का ने यह बात क्वींसलैंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ऑस्ट्रेलिया के कुलपति प्रो. पीटर कोलड्रक के साथ अपने विचार-विमर्श के दौरान कही।कुलपति के साथ विचार-विमर्श के दौरान श्री जुल्का ने बताया किया कि संचार प्रतिमान ने संचार की जरूरतों और चुनौतियों को पूरा करने के लिए चहुंमुखी पहुंच का परिवर्तन अपनाया है। उन्होंने उल्लेख किया कि सरकार की डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी प्रमुख योजनाओं ने मीडिया इकाइयों को निर्धारित लक्ष्य वाले श्रोताओं तक पहुंचने का अवसर प्रदान किया है। सरकार की सामाजिक मीडिया पहलों ने लोगों को क्राउड सोर्सिंग और ऐसे ही प्रोत्साहित करने वाले नवाचारों जैसे साधनों के माध्यम से सरकार के साथ सीधे वार्तालाप करने का मंच उपलब्ध कराया है। उन्होंने टॉकोथन का शुभारंभ करने के उपयोग और प्रभाव की विशेष रूप से चर्चा की, जो जनता से सीधा संबंध उपलब्ध कराता है और उन्हें प्रभावी नागरिक केन्द्रित संचार से जोड़ता है। ऐसी पहल समग्र और सहभागी निर्णय लेने की संस्कृति को प्रोत्साहित करेंगी।
बैठक के दौरान श्री जुल्का और क्वींसलैंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (क्यूयूटी) के कुलपति ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय और क्यू यू टी के मध्य भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों को सेवा के दौरान प्रशिक्षण देने के बारे में वर्तमान प्रशिक्षण प्रणाली की समीक्षा की। दोनों इस बात पर सहमत थे कि भविष्य के प्रशिक्षण एजेंडा में मीडिया और संचार अध्ययनों से संबंधित समकालीन मुद्दों को शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार के संचालन को संभालने वाले अधिकारियों के कौशल विकास के लिए सेवा के दौरान प्रशिक्षण बहुत महत्वपूर्ण है।