देहरादून: न्यू कैंट रोड़ स्थित मुख्यमंत्री आवास में सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग द्वारा आयोजित ’’हिन्दी पत्रकारिता दिवस’’ के अवसर पर पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान हेतु ’’स्व. राम प्रसाद बहुगुणा की स्मृति पुरस्कार’’ वितरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने ‘‘समता‘‘ के संपादक दयाशंकर टम्टा को 51 हजार रूपये का चैक एवं स्मृतिचिन्ह् भेंट कर स्व.रामप्रसाद बहुगुणा स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया। स्व.रामप्रसाद स्मृति समिति के पदाधिकारी रमेश पहाड़ी, गजपाल सिंह बिष्ट, सुधीर भट्ट, समीर बहुगुणा को भी सम्मानित किया गया। साथ ही स्व. रामप्रसाद बहुगुणा पर लिखी पुस्तक का भी विमोचन किया गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि वर्तमान परिवेश में ऐतिहासिक धरोहर को संजोए रखना कठिन है। उन्होंने कहा कि हमारे ऐतिहासिक समाचार पत्रों के क्षेत्र में स्व. बहुगुणा जी हमारे धरोहर है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता जगत आजादी के दौर में अनेको कठिनाईयों को झेलते हुए समाज तक अपनी खबरों को पहुंचाता आया है। लोगों तक खबरों को पहुंचाने का माध्यम ही पत्रकारिता जगत से जुडा है। उन्होंने कहा कि प्रकाशित किए जा रहे समाचार पत्रों की समाचार गैलरी बनायी जानी चाहिए। जिससे कि आने वाले समय में विशेष दिन एवं विशेष समय पर पत्रकारों द्वारा क्या लिखा गया, उसका ज्ञान आने वाली भावी पीढ़ी को मालूम पड सकें और उन्हें इतिहास का बोध हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि पाठक को समाचार पत्रों से एक विशेष लगाव होता है, उनकी जिज्ञासा आने वाले समाचार पत्र के अंक में खबरों के लिए बनी रहती है। छोटे समाचार पत्रों को संजोए रखना भी राज्य सरकार का दायित्व है। राज्य स्थापना में भी छोटे समाचार पत्रों का विशेष महत्व रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सूचना विभाग द्वारा ऐसे लोगों का संकलन किया जाए, जो अपने लेख व लेखनी से समाज को एक नई दिशा प्रदान करते है। इस अवसर पर उन्होंने स्व. रामप्रसाद बहुगुणा स्मृति पुरस्कार की राशि को 51 हजार रूपये से बढ़ाकर 1 लाख 1 हजार रूपये किए जाने की घोषणा की। इसके साथ ही पुरस्कार पात्रता की संख्या को भी बढ़ाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कालेश्वर पॉलीटैक्निक को स्व. रामप्रसाद बहुगुणा के नाम पर रखे जाने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि पत्रकारो के कल्याण हेतु अंशदायी बीमा योजना भी संचालित की जायेगी। पुराने ऐतिहासिक समाचार पत्रों के लिए भी नीति बनायी जायेगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रकार पेंशन योजना का प्रस्ताव शीघ्र ही कैबिनेट में रखा जाएगा।