लखनऊ: राज्य सूचना आयुक्त श्री स्वदेश कुमार ने कहा है कि सूचना अधिकार अधिनियम आर0टी0आई0 एक्ट के तहत निर्धारित समय में सूचना न देने वाले अफसरों को कतई बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे अधिकारियों पर जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है। जुर्माना वसूली पर भी जोर रहेगा। जब तक जुर्माना वसूल नहीं होगा तब तक संबंधित अधिकारी की फाइल बंद नहीं होगी।
सूचना आयुक्त श्री स्वदेश कुमार ने आबकारी विभाग के अपीलीय अधिकारियों, जनसूचना अधिकारियों और सहायक जनसूचना अधिकारियों के साथ बैठक में यह बातें कहीं। सूचना आयुक्त ने आबकारी विभाग के प्रमुख सचिव सहित विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए कि वे विभाग की मासिक समीक्षा बैठक में जनसूचना के प्रकरणों को भी शामिल करें।
सूचना आयुक्त ने जनसूचना अधिकारियों द्वारा समय पर सूचनाएं न उपलब्ध कराने के कारण आयोग में अधिक संख्या में आ रहे मामलों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आर0टी0आई0 एक्ट-2005 को अधिकारी जरूर पढ़ लें। बिना इसको पढ़े वह सूचना के अधिकार के तहत दिए जाने वाले आवेदनों का सही तरीके से निस्तारण नहीं कर सकते है। जनसूचना अधिकारियों को चेतावनी देते हुए आयुक्त ने कहा कि मांगी गई सूचना को निर्धारित 30 दिन की अवधि में आवेदक को उपलब्ध न कराने पर वे दंड के लिए तैयार रहें। ऐसे जनसूचना अधिकारियों के खिलाफ जुर्माने के साथ-साथ विभागीय कार्रवाई के भी आदेश दिए जाएंगे। जो भी सूचना देय नहीं है तो एक्ट से संबंधित प्रावधान का स्पष्ट उल्लेख कर आवेदक को बताया जाए। सूचना नहीं दी जा सकती मात्र यह कह देने से काम नहीं चलेगा।
सूचना आयुक्त ने अपीलीय अधिकारियों के रवैये के प्रति नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि अगर वे अपना दायित्व सही तरीके से निभाएं तो आवेदकों को आयोग नहीं आना पड़ेगा। उनके द्वारा की जाने वाली सुनवाई से संतुष्ट न होने के कारण ही व्यक्ति आयोग आता है। सूचना आयुक्त ने कहा कि जनसूचना अधिकारियों के अलावा अब अपीलीय अधिकारियों को भी सुनवाई की पत्रावली के साथ तलब किया जाएगा।