लखनऊः राज्य सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान ने मुख्य विकास अधिकारी, रामपुर को सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत नोटिस जारी कर रामपुर निवासी रियाकत अली के प्रार्थना-पत्र में उठाये गये समस्त बिन्दुओं की सभी सूचनाएं अगले 30 दिन के अन्दर अनिवार्य रूप से वादी को उपलब्ध कराने हेतु आदेशित किया। आयोग को अवगत कराये, अधिकारी स्पष्टीकरण देंगे कि वादी को सूचना क्यों नहीं दी गयी है, क्यों न उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाये।
आयोग की नोटिस पर मुख्य विकास अधिकारी, रामपुर से मौ0 मोहसिन सुनवाई के दौरान उपस्थित हुए। उन्होंने बताया कि शिकायत की जांच हेतु समिति का गठन किया गया। इसमें पायी गयी गम्भीर अनियमितताओं की जिला बचत अधिकारी एवं विकलांग कल्याण अधिकारी द्वारा जांच की गयी। उनकी आख्या के अनुसार ग्राम पंचायत टाहकला की बी0पी0एल सूची में कुल 117 परिवारों के नाम अंकित है। 55 स्पिलिट परिवारों एवं 14 मुखिया परिवारों को लाभान्वित किये जाने हेतु ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा प्रस्ताव तैयार कर खण्ड विकास अधिकारी स्वार को उपलब्ध कराया गया। डी0आर0डी0ए0 से स्वीकृति के उपरान्त ब्लाॅक आंकिक के स्तर से एफ0टी0ओ0 जनरेट कर धनराशि जारी कर दी गयी, किन्तु 55 स्पिलिट परिवारों का पटल सहायक द्वारा गहन परीक्षण करने पर यह तथ्य प्रकाश में आया कि उक्त स्पिलिट परिवारों के मुखिया के नाम तो बी0पी0एल0 सूची में अंकित है, किन्तु स्पिलिट किये गये परिवार का नाम फैमिली आईडी0 में नहीं पाया गया। चंूकि इन्दिरा आवास योजनान्तर्गत स्पिलिट किये गये परिवार का नाम होना आवश्यक है। इस सम्बन्ध में पटल सहायक के द्वारा खण्ड विकास अधिकारी को अवगत कराया गया, तत्पश्चात खण्ड विकास अधिकारी ने अपने कार्यालय के पत्र द्वारा उक्त लाभार्थियों के खाते में धनराशि आहरित करने पर रोक लगाते हुए, बैंक को अपने कार्यालय के पत्र द्वारा स्पिलिट परिवारों के नाम फैमिली आईडी में न पाये जाने के कारण कुल 43 लाभार्थियों की धनराशि 35,000 रूपये प्रति लाभार्थी की दर से लाभार्थियों से वापस प्राप्त कर अंकन धनराशि कुल 15,05,000 रूपये (पन्द्रह लाख, पाॅच हजार रूपये) आयुक्त ग्राम्य विकास उ0प्र0, लखनऊ के पक्ष में जमा करा दी गयी है।
उपरोेक्त के क्रम में इन्दिरा आवास योजनान्तर्गत ग्राम टाहकलां में 21 लाभार्थियों के चयन गलत/संदिग्ध प्रतीत होता है, जिसके लिये चयनकर्ता एवं पटल सहायक विकास खण्ड स्वार पूर्णरूप से उत्तरदायी है। स्थलीय सत्यापन समिति द्वारा किया गया, जिसमें नाजरीन, नाजमा, गुडिया, शमीम, शब्बो, नन्हीं, रेखा, माया देवी, तस्करी, शबनम, खातूत, सैतून बेगम, बन्नी, नसीम, हाजरा, खैरूलनिशा, खातून, सूरजदेवी, संतोष देवी, किश्वरी, मिसकीन के नाम हैं, साथ ही प्रतिवादी ने मा0 आयोग को बताया कि उक्त कार्यवाही के लिए अतिरिक्त समय दे दिया जाये। आयोग द्वारा प्रतिवादी को समय दिया गया है। आयुक्त नें प्रतिवादी को निर्देशित किया कि अगली तिथि 31.05.2018 तक उक्त प्रकरण में कार्यवाही कर आयोग को समस्त अभिलेखों सहित अवगत कराये।