मुंबई: देश में महत्वपूर्ण मार्गों पर भारतीय रेल द्वारा यात्री ट्रेन सेवाओं को आंशिक रूप से दोबारा शुरू किया है और कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं. कोविड-19 के लक्षणों को प्रभावी ढंग से स्कैन करने के लिए मध्य रेल ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) और लोकमान्य तिलक टर्मिनस (एलटीटी) में एक स्क्रीनिंग सुविधा (FebriEye) स्थापित की है. इससे ट्रेन यात्रियों के कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार से बचने के लिए संपर्क रहित प्रवेश सुनिश्चित होगा.
स्वचालित टिकट जांच और प्रबंध पहुंच (एटीएमए) मशीन के बाद यात्री सुरक्षा की दिशा में एक और अभिनव पहल और अर्जुन रोबोट के बाद यह एक और नया प्रयास किया गया है.
मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, शिवाजी सुतार ने कहा कि फ्रेबीआई थर्मल कैमरे विशाल क्षेत्रों को कवर कर एक बार में एक साथ कई लोगों के तापमान का पता लगा सकता है और चलते हुए लोगों का स्वचालित रूप से तापमान रिकॉर्ड कर सकता है.
वर्तमान में सीएसएमटी और एलटीटी पर मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में सवार सभी यात्रियों को बोर्डिंग के लिए प्लेटफॉर्म के अंदर जाने से पहले उच्च तापमान के लिए प्रवेश पाइंट पर इस कैमरे से स्कैन किया जा रहा है. इन दो प्रमुख स्टेशनों पर ड्यूटी के लिए आने वाले सभी रेलवे कर्मचारियों और अधिकारियों को भी इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित कैमरे के माध्यम से स्कैन किया जा रहा है.
मुंबई मंडल के मंडल रेल प्रबंधक, शलभ गोयल ने कहा कि भारतीय रेल वांछित सुरक्षा जांच सुनिश्चित करते हुए यात्रियों को सहज तरीके से यात्रा करने में मदद करने के लिए नवीनतम उपलब्ध तकनीक का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है. मुंबई मंडल, मध्य रेल की यह पहल इस दिशा में एक अग्रणी कदम है.
फेब्रीआई वास्तविक समय और स्वचालित, गैर-घुसपैठ निगरानी के लिए एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित थर्मल स्क्रीनिंग प्रणाली है. इससे यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि कौन से व्यक्ति को तेज बुखार है. ये कैमरा ‘ब्लैक बॉडी’ से लैस है. यह एक निरंतर तापमान स्रोत है जो 0.3 डिग्री सेल्सियस (+/-) तक के तापमान रीडिंग में सटीकता सुनिश्चित करता है.
क्या है इसकी विशेषताएं
माथे का तापमान
सामाजिक दूरी की निगरानी
नॉन-कॉन्टैक्ट डिटेक्शन
डुअल (थर्मल + विजन) कैमरा
एक्यूरेसी (+/-) ब्लैक बाडी के साथ 0.3 डिग्री सेल्सियस
सुविधाजनक तैनाती
हाई थ्रूपुट
रीयल टाइम अलर्ट
फेब्रीआई गर्मी सेंसर का उपयोग करता है जो एक व्यक्ति के शरीर द्वारा उत्पन्न गर्मी को रिकॉर्ड कर सकता है, जो कि अलग-अलग तापमान स्तर के साथ 2D छवि बना सकता है. जब यात्री कैमरों से होकर गुजरते हैं तब सेट रेंज के ऊपर तापमान वाले किसी भी व्यक्ति को कैमरों से जुड़ी कंप्यूटर स्क्रीन पर बाकी हिस्सों की तुलना में एक अलग रंग पैटर्न में दिखाया जाता है. मध्य रेल की फ्रेब्रीआई स्क्रीनिंग सुविधा भारतीय रेलवे के आधुनिक सुरक्षा उपायों के लिए किए गए अभिनव प्रयोग में एक और नया कदम है. ABP न्यूज़