नई दिल्ली: ओडिशा के राज्यपाल प्रोफेसर गणेश लाल जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान जुएल ओराम जी, धर्मेन्द्र प्रधान जी, ओडिशा सरकार में मंत्री, स्नेहागिनी छुरिया जी, संसद में मेरे साथी श्री किलीकेश नारायण सिंह देव जी और यहां पधारे मेरे प्यारे बहनों और भाईयों! नववर्ष में एक बार फिर ओडिशा आने का सौभाग्य मिला है। मकर सक्रांति के अवसर पर यहां आना और विकास के नये प्रकाश से जुड़ना अपने आप में अहम है। त्यौहारों के इस पावन अवसर पर आप सभी ओडिशावासियों को देश के सभी नागरिकों को अनेक-अनेक शुभकामनाएं।
पूर्वी भारत के विकास के लिए ओडिशा के विकास के लिए केंद्र सरकार का अभियान निरंतर जारी है। बीते एक महीने में तीसरी बार मैं आपके बीच आया हूं। थोड़ी देर पहले यहां साढ़े 15 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण या शिलान्यास किया गया है। यह परियोजनांए शिक्षा से जुड़ी है, connectivity से जुड़ी है, संस्कृति और पर्यटन से जुड़ी है और मुझे खुशी है कि आज केंद्रीय विद्यालय सोनेपुर के स्थायी भवन का शिलान्यास हुआ है। जब यह काम पूरा हो जाएगा तो सोनेपुर के साथ-साथ इस पूरे क्षेत्र के हजारों छात्र-छात्राओं को लाभ होगा। ओडिशा में केंद्रीय विद्यालयों में हजारों छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं। यहां केंद्रीय विद्यालय की मांग को देखते हुए केंद्र सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। 2014 के बाद कई नए केंद्रीय विद्यालयों का उद्घाटन यहां हो चुका है और कुछ पर काम अंतिम चरण में है।
शिक्षा मानव संसाधन का विकास करती है। यह संसाधन तब अवसरों में बदलते हैं जब connectivity का भी सहारा हो। इसी भावना के तहत ओडि़शा में connectivity का विस्तार किया जा रहा है। आज रेलवे से जुड़े छह प्रोजेक्ट का लोकार्पण या उद्घाटन किया गया है। इससे ओडिशा के भीतर की connectivity तो सुधरेगी ही, देश के दूसरे राज्यों तक आवाजाही भी आसान होगी। इससे आप लोगों को आने-जाने की सुविधा तो होगी ही किसान भाईयों को अपनी उपज को बड़ी मंडियों तक या बड़े शहरों तक पहुंचाने में ज्यादा आसानी होगी। आने-जाने और माल ढुलाई के लिए सुविधा तैयार होने से यहां उद्योगों के लिए भी एक बेहतर माहौल बनेगा। जब उद्योग यहां आने लगेंगे तो युवाओं के लिए रोजगार के अनेक साधन विकसित होंगे।
थोड़ी देर पहले बलांगीर से बिच्छूपल्ली के बीच जो नई रेल लाइन बनी है इसका उद्घाटन हुआ है। इसके साथ-साथ इस पर नई ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई गई है। इसके लिए मैं आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। इसके अलावा झारसुघड़ा के मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्ट झारसुघड़ा विजिनगराम और संभलपुर अंगुल लाइन के विद्युतीकरण बारपली डुगरीपल्ली और बलांगीर देवगांव के चौड़ीकरण और नागावली नदी पर बने पुल के लिए भी आप सब बहुत-बहुत बधाई के पात्र हैं। आपको शुभकामनाएं देता हूं।
connectivity जब अच्छी होती है तो करीब-करीब हर सेक्टर पर इसक सकारात्मक असर होता है। विशेष तौर पर टूरिज्म के लिए तो सबसे ज्यादा संभावनाएं बढ़ती है। ओडिशा तो वैसे ही हर प्रकार के टूरिस्टों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। यहां जंगल भी है और समंदर का किनारा भी है। प्रकृति ने यहां कोई कमी नहीं छोड़ी है। वही इतिहास और आस्था का एक प्रकार से केंद्र रहा है।
इसी भावना के तहत बीते चार वर्षों से केंद्र सरकार धरोहरों और आस्था के स्थलों को विकसित करने में जुटी हुई है। ओडिशा के अनेक मंदिरों, पुराने किलों और दूसरे स्थानों का सुंदरीकरण और उनको संवारने का प्रयास भी किया जा रहा है। इसी कड़ी में नील माधव और सिद्धदेश्वर मंदिरों के नवीनीकरण और सुन्दरीकरण के काम का आज शुभारंभ किया गया है। इसी प्रकार पश्चिम सोमनाथ मंदिर,भुवनेश्वर मंदिर और कपिलेश्वर मंदिर का भी जीर्णोधार और सुन्दरीकरण का काम पूरा हो चुका है और आज इसका भी लोकार्पण हो गया है। इसके अलावा यहां का जो एक पारंपरिक व्यापारिक रास्ता रहा है ओडिशा को मध्य भारत से जोड़ता है। उस रास्ते में अनेक ऐतिहासिक स्मारक है। यहा बलांगीर में ही रानीपुर, झरयाल जो स्मारकों का समूह है उसको भी संवारा जा रहा है। वहां 64 योगिनी मंदिर हो, या फिर लहरागुणी सोमेश्वर, रानीगुणी या फिर इंद्राली मंदिर आस्था और हमारे ऐतिहासिक स्थल का दर्शन देने वाले यह तमाम धरोहरें अपनी दिव्यता और भव्यता को बढ़ाने वाली है।
एक और स्मारक के नवीनीकरण की आज शुरूआत हुई है। कालाहांडी का असुरागढ़ किला यह हमारे शौर्य का प्रतीक तो रहा ही है साथ में एक अहम राजनीतिक और व्यापारिक केंद्र भी था। यह महाकंतारा को कलिंग से जोड़ता था। अपने इतिहास के इन स्वर्णिम अध्यायों के साथ पुन: जुड़ते हुए मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। मुझे विश्वास है कि यहां जो मूल सुविधाओं का विकास हुआ है। श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए जो काम किया गया है, उससे यहां के टूरिज्मों को गति मिलेगी और रोजगार के अवसरों में कई गुणा बढ़ोतरी होगी।
आज यहां छह नये Post Office Passport सेवा केंद्रों की शुरूआत भी हुई है। बलांगीर के अलावा जगतसिंह पुर, केंद्रपाड़ा, पुरी, फूलबानी, बारगढ़ में यह नये केंद्र खुलने से अब यहां के लोगों को पासपोर्ट के लिए बहुत दूर जान की जरूरत नहीं है।
आज आप सभी के, ओडिशावासियों के जीवन को आसान बनाने वाले इन सभी प्रोजेक्ट के लिए एक बार फिर मैं ओडिशावासियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आपको नये वर्ष की पुन: बहुत शुभकामनाएं देता हूं।