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डाक विभाग की पहल : डाक विभाग ने लखनऊ परिक्षेत्र में 576 गाँव बनाये सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम

उत्तर प्रदेश

‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के तहत प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी  द्वारा आरम्भ की गई ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ में लखनऊ डाक परिक्षेत्र ने पहल करते हुए नई इबारत लिखी है। इसके तहत डाकघरों में जहाँ 10 साल तक की बेटियों के खूब खाते खोले गए हैं, वहीं कई गाँवों में सभी बेटियों के खाते खुलवाकर उन्हें  सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम बना दिया है।

इस सम्बन्ध में लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि लखनऊ परिक्षेत्र  में अब तक 576 गाँवों को संपूर्ण  सुकन्या समृद्धि ग्राम बना दिया गया है। इन गाँवों में दस साल तक की सभी योग्य बालिकाओं के सुकन्या खाते डाकघर में खोले जा चुके हैं। यही नहीं, इन गाँवों में यदि किसी घर में बेटी के जन्म की किलकारी गूँजती  है तो डाकिया तुरंत उसका सुकन्या खाता खुलवाने हेतु पहुँच जाता है। डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि बालिकाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में उठाये गए इस कदम के तहत लखनऊ परिक्षेत्र के डाकघरों में सुकन्या समृद्धि योजना के तहत 2 लाख 41 हजार खाते खोले जा चुके हैं। विभिन्न स्कूलों में अभियान चलाकर भी इससे सभी योग्य बालिकाओं को जोड़ा जायेगा।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी, 2015 में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत सुकन्या  समृद्धि योजना  का आगाज किया था। इसके तहत किसी भी डाकघर में न्यूनतम 250 रूपये से दस साल तक की बालिकाओं का सुकन्या समृद्धि खाता खुलवा सकते है। डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि इसमें  एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 1,000 और अधिकतम डेढ़ लाख रूपये तक जमा किये जा सकते हैं। इस योजना में खाता खोलने से मात्र 15 वर्ष तक धन जमा कराना होगा।  बेटी की उम्र 18 वर्ष होने पर जमा राशि का 50 प्रतिशत व सम्पूर्ण राशि 21 वर्ष पूरा होने पर निकाली जा सकती है। वर्तमान में ब्याज दर 8.5 प्रतिशत है और जमा धनराशि में आयकर छूट का भी प्रावधान है।

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि सुकन्या समृद्धि योजना सिर्फ निवेश का ही एक माध्यम नहीं है, बल्कि यह बालिकाओं के उज्ज्वल व समृद्ध भविष्य से भी जुडा हुआ है। इस योजना के आर्थिक के साथ-साथ सामाजिक आयाम भी महत्वपूर्ण हैं। इसमें जमा धनराशि पूर्णतया बेटियों के लिए ही होगी, जो उनकी शिक्षा, कैरियर एवं विवाह में उपयोगी होगी। यह योजना बालिकाओं के सशक्तिकरण के द्वारा भविष्य में नारी सशक्तिकरण को भी बढ़ावा देगी।

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