नई दिल्ली: राष्ट्रीय जलमार्गों की आवश्यकता पूरा करने में संयुक्त रूप से ईंधन, ल्यूब्रिकेटिंग ऑयल, एलपीजी, प्राकृतिक गैस तथा अन्य संबंधित ईंधन और गैस के लिए संयुक्त रूप से आधारभूत ढांचा विकसित करने के उद्देश्य से भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) ने आज एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया।
यह समझौता ज्ञापन अंतर्देशीय जलमार्गों तथा संबंधित सेवाओं के लिए किसी तरह की ऊर्जा मांग को पूरा करने में परस्पर सहयोग के तौर-तरीकों की समझदारी बढ़ाएगा। इस समझौता ज्ञापन में ईंधनों, ल्यूब्रिकेटिंग ऑयल, एलपीजी (घरेलू और वाणिज्यिक उपयोग) प्राकृतिक गैस तथा अन्य संबंधित ईंधन और गैस की प्राप्ति, भंडारण, वितरण और आपूर्ति के लिए आधारभूत संरचना विकसित करने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त इस समझौता ज्ञापन में उपभोक्ता पम्प (वाहनों, ईंजनों, मशीनरी तथा उपकरण के लिए ईंधन सप्लाई) तथा खुदरा तथा टर्मिनलों/मल्टी मॉडलों टर्मिनलों पर रिटेल आउटलेट (ईंधन और गैस के लिए) स्थापना के लिए आधारभूत संरचना विकास शामिल हैं।
आईडब्ल्यूएआई तथा आईओसीएल विस्तृत भूमि आवश्यकता, भंडारण सुविधाओं तथा अन्य सहयोगी ढांचा की तैयारी के लिए लागत विवरण के साथ तकनीकी आर्थिक सम्भावना अध्ययन करेंगे। यह अध्ययन यातायात क्षमता, स्थानीय उद्योगों तथा जलमार्गों की निकटता और रेल से इसके संपर्क पर आधारित होंगे।
आईडब्ल्यूएआई सूचना साझा करने, आवश्यक इनपुट उपलब्ध कराने तथा राष्ट्रीय जलमार्गों और आईओसीएल के साथ इसके टर्मिनलों के बारे में आवश्यक सहायता देगा, ताकि परियोजनाएं लागू की जा सकें। आईडब्ल्यूएआई लंबी अवधि के पट्टे पर आईओसीएल को जमीन उपलब्ध कराएगा, ताकि वर्तमान टर्मिनलों पर सुविधाएं विकसित की जा सकें। यह काम सरकार की जमीन को पट्टे पर देने की नीति के स्वीकृति दिशा-निर्देशों के अंतर्गत होगा।
राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम 2016 के अनुसार वर्तमान पांच राष्ट्रीय जलमार्गों के अतिरिक्त 106 नये राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किए गए हैं। नये राष्ट्रीय जलमार्गों के विकास का काम संभावना रिपोर्ट और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के आधार पर चरणबद्ध तरीके से किए जा रहे हैं। विश्व बैंक की तकनीकी और वित्तीय सहायता के साथ जलमार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) के अंतर्गत राष्ट्रीय जलमार्ग-1 की क्षमता को मजबूत बनाने का काम हाथ में लिया गया है। जेएमवीपी के अंतर्गत हल्दिया, साहिबगंज और वाराणसी में मल्टी मॉडल टर्मिनल विकसित किए जा रहे हैं और गाजीपुर तथा कालूघाट में अंतर-मॉडल टर्मिनल विकसित किए जा रहे हैं।