मुंबई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि’इनोवेशन’यानी’ नवाचार’ 21वीं सदी का सर्वाधिक लोकप्रिय और गुंजायमान शब्द बन गया है और जो समाज नवाचार को नहीं अपनाता है वह शिथिल पड़ जाता है। मुंबई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि’इनोवेशन’यानी’नवाचार’ 21वीं सदी का सर्वाधिक लोकप्रिय और गुंजायमान शब्द बन गया है और जो समाज नवाचार को नहीं अपनाता है वह शिथिल पड़ जाता है।
श्री मोदी ने शनिवार को मुंबई में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-मुंबई (आईआईटी-मुंबई) की हीरक जयंती के मौके पर आयोजित 56वें दीक्षांत समारोह समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि उद्यम के साथ’नवाचार से भारत में विकसित अर्थव्यवस्था की आधारशिला तैयार होगी और देश का दीर्घकालीन और सतत आर्थिक विकास होगा जिसमें प्रौद्योगिकी की अग्रणीय भूमिका होगी। श्री मोदी ने कहा कि पूरे विश्व में भारत को अब अरबों रुपये के स्टार्टअप की नर्सरी के तौर पर देखा जाता है। देश में हो रही इस क्रांति में प्रतिभा का सबसे बड़ा स्रोत देश के प्रौद्योगिकी संस्थान है। उन्होंने कहा, भारत स्टार्टअप के हब के रूप में उभर रहा है। इससे स्पष्ट होता है कि देश में नवाचार की तीव्र इच्छा है। देश में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र मौजूद है जिसमें 10,000 से ज्यादा स्टार्टअप फल-फूल रहे हैं। दुनिया की’नवाचार’ की रैंङ्क्षकग में हम लगातार ऊपर की ओर बढ़ रहे हैं। हमें देश को उद्यमिता और नवाचार के लिहाज से सबसे आकर्षक स्थल बनाने के लिए इस क्षेत्र में और बेहतर करना होगा। श्री मोदी ने नये भारत के निर्माण के लिए नयी प्रौद्योगिकी पर जोर देते हुए कहा कि आईआईटी-मुंबई इस दिशा में काम करने वाले संस्थानों में से एक है। प्रौद्योगिकी नवाचार भविष्य की दुनिया को आकार देगा।
उन्होंने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान’भारत के इस परिवर्तन का यंत्र हैं’ और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लाक चैन, मशीन लर्निंग और अन्य नयी प्रौद्योगिकियों के संदर्भ में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है जिससे भविष्य की दुनिया का आकार और’स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग’ सुनिश्चित होगी।
प्रधानमंत्री ने युवा आईआईटी स्नातकों से अपील करते हुए कहा, यह केवल सरकार के प्रयासों से संभव नहीं होगा बल्कि यहां मौजूद युवाओं के माध्यम से होगा। आपके मस्तिष्क में आने वाले सर्वक्षेष्ठ नवाचारी विचार सरकारी इमारतों या शानदार दफ्तरों में बैठकर नहीं बल्कि परिसरों में आएंगे।
उन्होंने कहा, कि मानवता के लिए नवाचार – जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटकर बेहतर कृषि पैदावार सुनिश्चित की जाए। जल संरक्षण, स्वच्छ ऊर्जा, कुपोषण से निजात, प्रभावकारी कचरा प्रबंधन और अन्य क्षेत्रों में नवाचार की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री ने देश के विकास में आईआईटी संस्थानों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि इन संस्थानों ने देश में सर्वोच्च इंजीनियरिंग कालेजों को प्रेरित किया और सूचना प्रौद्योगिकी की आधारशिला रखी। देश का सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है और अमेरिका समेत दूसरे विकसित राष्ट्रों को भी सहयोग प्रदान कर रहा है।
श्री मोदी ने शनिवार को मुंबई में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-मुंबई (आईआईटी-मुंबई) की हीरक जयंती के मौके पर आयोजित 56वें दीक्षांत समारोह समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि उद्यम के साथ’नवाचारÓसे भारत में विकसित अर्थव्यवस्था की आधारशिला तैयार होगी और देश का दीर्घकालीन और सतत आर्थिक विकास होगा जिसमें प्रौद्योगिकी की अग्रणीय भूमिका होगी। श्री मोदी ने कहा कि पूरे विश्व में भारत को अब अरबों रुपये के स्टार्टअप की नर्सरी के तौर पर देखा जाता है। देश में हो रही इस क्रांति में प्रतिभा का सबसे बड़ा स्रोत देश के प्रौद्योगिकी संस्थान है। उन्होंने कहा, भारत स्टार्टअप के हब के रूप में उभर रहा है। इससे स्पष्ट होता है कि देश में नवाचार की तीव्र इच्छा है। देश में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र मौजूद है जिसमें 10,000 से ज्यादा स्टार्टअप फल-फूल रहे हैं। दुनिया की’नवाचार’ की रैंङ्क्षकग में हम लगातार ऊपर की ओर बढ़ रहे हैं। हमें देश को उद्यमिता और नवाचार के लिहाज से सबसे आकर्षक स्थल बनाने के लिए इस क्षेत्र में और बेहतर करना होगा। श्री मोदी ने नये भारत के निर्माण के लिए नयी प्रौद्योगिकी पर जोर देते हुए कहा कि आईआईटी-मुंबई इस दिशा में काम करने वाले संस्थानों में से एक है। प्रौद्योगिकी नवाचार भविष्य की दुनिया को आकार देगा।
उन्होंने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान’भारत के इस परिवर्तन का यंत्र हैं’ और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लाक चैन, मशीन लर्निंग और अन्य नयी प्रौद्योगिकियों के संदर्भ में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है जिससे भविष्य की दुनिया का आकार और’स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग’ सुनिश्चित होगी।
प्रधानमंत्री ने युवा आईआईटी स्नातकों से अपील करते हुए कहा, यह केवल सरकार के प्रयासों से संभव नहीं होगा बल्कि यहां मौजूद युवाओं के माध्यम से होगा। आपके मस्तिष्क में आने वाले सर्वक्षेष्ठ नवाचारी विचार सरकारी इमारतों या शानदार दफ्तरों में बैठकर नहीं बल्कि परिसरों में आएंगे।
उन्होंने कहा, कि मानवता के लिए नवाचार – जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटकर बेहतर कृषि पैदावार सुनिश्चित की जाए। जल संरक्षण, स्वच्छ ऊर्जा, कुपोषण से निजात, प्रभावकारी कचरा प्रबंधन और अन्य क्षेत्रों में नवाचार की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री ने देश के विकास में आईआईटी संस्थानों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि इन संस्थानों ने देश में सर्वोच्च इंजीनियरिंग कालेजों को प्रेरित किया और सूचना प्रौद्योगिकी की आधारशिला रखी। देश का सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है और अमेरिका समेत दूसरे विकसित राष्ट्रों को भी सहयोग प्रदान कर रहा है। साभार रॉयल बुलेटिन