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“नवाचार और स्वदेशीकरण – आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम” पर सेमिनार का आयोजन

देश-विदेश

नई दिल्ली: भारत सरकार की मेक इन इंडिया नीति के अनुपालन और स्वदेशी विकास के माध्यम से भारतीय नौसेना द्वारा आत्मनिर्भरता का लक्ष्य अर्जित कराने के लिए “नवाचार और स्वदेशीकरण – आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम” विषय पर आयोजित दो दिवसीय सेमिनार का आज नौसेना प्रमुख एडमिरल आर के धोवन द्वारा डीआरडीओ भवन, नई दिल्ली में उद्धाटन किया गया। यह सेमिनार नौसेना द्वारा भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। वाइस एडमिरल ए वी सूभेदार ने स्वागत संबोधन में कहा कि यह सेमिनार मेक इन इंडिया के स्वप्न को साकार करने की दिशा में एक कदम है। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर के धोवन ने अपने उद्धाटन संबोधन में कहा कि भविष्य में तैयार होने वाले जहाजों, पंडुब्बियों और वायुयानों में स्वदेशीकरण का घटक बढ़ाने के लिए अंतिम छोर तक प्रौद्योगिकी अपनाने की जरुरत पर जोर दिया।

रक्षा मंत्री श्री मनोहर पर्रिकर ने अपने प्रमुख संबोधन में उद्योग से देश की सुरक्षा के साथ-साथ देश की आत्मनिर्भरता की इच्छा को पूरी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आह्वान किया। मंत्री महोदय ने स्वदेशीकरण के लक्ष्यों को प्राप्त करने में नौसेना के प्रयासों में मदद देने के लिए डीआरडीओ की भूमिका की सराहना की और भारतीय नौसेना तथा सीआईआई की मेक इन इंडिया के लिए देश की चाहत में सहायता करने के लिए भूरि-भूरि प्रशंसा की।

रक्षा मंत्री ने भारतीय नौसेना स्वदेशीकरण योजना (आईएनआईपी) नामक दस्तावेज और सेमिनार के तकनीकी कागजातों का सार-संग्रह भी जारी किया। उपस्थित जनसमूह को श्री सुकर्ण सिंह और श्री अनील अंबानी ने भी संबोधित किया और नवाचार और स्वदेशीकरण के लिए उद्योग के परिप्रेक्ष्य के बारे में जानकारी दी। सुश्री शुभ्रा सिंह, संयुक्त सचिव डीआईपीपी ने भी उद्धाटन सत्र के दौरान उपस्थित व्यक्तियों को संबोधित किया। यह सेमिनार दो दिन चलेगा और इसमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, शिप बिल्डिंग उद्योग प्रमुख, जाने-माने भारतीय उद्योगपति, शिक्षण समुदाय के सदस्य और सशस्त्र सेनाओं के अधिकारी भाग ले रहे हैं। इस सेमिनार में 120 उद्योगों से 300 से अधिक गणमान्य व्यक्ति भी भाग ले रहे हैं। तकनीकी पत्र प्रस्तुत करने के लिए दो दिन के कार्यक्रम में चार सत्र रखे गए हैं। स्वदेशीकरण में हितधारकों में सहक्रिया, आत्मनिर्भरता के लिए नवाचार, स्वदेशीकरण प्रणालियां अपनाने में चुनौतियां आदि पर वक्ता अपने पत्र प्रस्तुत करेंगे।

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