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आर्थिक असमानता दूर करने के लिए नवाचारी प्रौद्योगिकियां और समाधान अहम भूमिका निभा सकते हैं: मनसुख मांडविया

देश-विदेश

नई दिल्ली: नौवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्री मनसुख मांडविया ने स्विट्जरलैंड के विश्व आर्थिक फोरम दावोस में यूएनएड्स (एचआईवी/एड्स पर संयुक्त राष्ट्र का कार्यक्रम) के उच्च स्तरीय गोलमेज कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इसकी विषयवस्तु ‘सबके लिए सुगमताः स्वास्थ्य के लिए नवाचार, निवेश और साझेदारी का उपयोग’ (एक्सेस फॉर ऑलः लीवरेजिंग इनोवेशंस, इंवेस्टमेंट्स एंड पार्टनरशिप्स फॉर हेल्थ) है।

एक घंटे चलने वाली चर्चा में श्री मांडविया ने कहा, ‘स्वास्थ्य तक सबकी सुगमता होनी चाहिए और नवाचारी प्रौद्योगिकियां और समाधान इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, जिनमें आर्थिक असमानता को दूर करना भी शामिल हैं।’ श्री मांडविया इस समय विश्व आर्थिक फोरम में हिस्सा लेने के लिए दावोस के चार दिवसीय सरकारी दौरे पर हैं।

उच्च स्तरीय गोलमेज कार्यक्रम में श्री मनसुख मांडविया ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने स्वास्थ्य तक सबकी पहुंच बनाने के लिए अनेक काम किए हैं। उन्होंने, ‘स्वस्थ भारत निर्माण’ के लिए भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि विश्व के सबसे बड़े स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) तथा सबको सस्ती और बेहतर दवाएं प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना चलाई जा रही है।

इसके पहले 2015 में श्री मनसुख मांडविया ने संयुक्त राष्ट्र में ‘सतत् विकास के लिए 2030 का एजेंडा’ (2030 एजेंडा फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट) पर प्रमुख वक्तव्य दिया था। अपने संबोधन में उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र का परिदृश्य बदलने में भारत सरकार की भूमिका तथा सबके लिए सस्ती और बेहतर दवाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार के प्रयासों का उल्लेख किया था।

उल्लेखनीय है कि जीवन रक्षक एचआईवी संबंधी सेवाएं प्रदान करने के लिए सरकारों, निजी क्षेत्र और समुदायों के नेतृत्व को साथ लाने और उन्हें एक-दूसरे से जोड़ने के लिए यूएनएड्स दिशा-निर्देश, समन्वय और तकनीकी सहायता प्रदान करता है। सतत् विकास लक्ष्यों के मद्देनजर जन-स्वास्थ्य के लिए खतरा बने रोग एड्स को 2030 तक समाप्त करने के लिए यूएनएड्स विश्व प्रयासों का नेतृत्व कर रहा है।

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