नई दिल्ली: भारतीय नौसेना की ओर से अफ्रीका, यूरोप और रूस में की जाने वाली तैनाती के तहत भारतीय नौसेना का पोत तरकश 25 सितंबर, 2019 को तीन दिन की यात्रा पर मापुटो, मोजाम्बिक पहुंचा। कैप्टन सतीश वासुदेव की कमान में आईएनएस तरकश भारतीय नौसेना का एक सशक्त फ्रंटलाइन बेड़ा है जो हथियारों और सेंसरों की बहुउपयोगी रेंज से युक्त है। यह पोत भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े का अंग है और मुंबई स्थित पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ की ऑपरेशनल कमांड में है।
इस पोर्ट कॉल के दौरान कमांडिंग ऑफिसर मोजाम्बिक रक्षा बलों के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ, मोजाम्बिक की नौसेना के कमांडर सहित मोजाम्बिक सरकार की विभिन्न गणमान्य हस्तियों और सरकारी अधिकारियों से शिष्टाचार भेंट करेंगे। भारत और मोजाम्बिक की नौसेनाओं के बीच सहयोग में वृद्धि करने के लिए व्यावसायिक विचार-विमर्श आयोजित किए जाने की योजना है। इसके अलावा दो नौसेनाओं के बीच सामाजिक संपर्क, खेल आयोजन और बेहतरीन पद्धतियां साझा की जाएंगी। 27 सितंबर, 2019 को इस पोत पर आगंतुकों का प्रवेश खुला रहेगा।
मोजाम्बिक और भारत के बीच परंपरागत रूप से प्रगाढ़ और मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंध रहे हैं और वे लोकतंत्र, विकास और धर्मनिरपेक्षता के समान मूल्यों को साझा करते हैं। दोनों देशों के बीच में अनेक क्षेत्रों में नियमित रूप से उच्चस्तरीय आदान-प्रदान और संपर्क होते रहे हैं। नियमित संयुक्त रक्षा कार्यसमूह (जेडीडब्ल्यूजी) बैठकों के जरिये द्विपक्षीय रक्षा सहयोग प्रगति पर हैं। भारतीय नौसेना की पहली प्रशिक्षण स्क्वार्डन के पोत सुजाता, शार्दुल, मगर और आईसीजीएस सारथी ने मार्च, 2019 में बीरा में पोर्ट कॉल की थी और चक्रवात इडाई के बाद स्थानीय आबादी को मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) पहुंचाई थी।
‘दोस्ती के पुल’ और मित्र देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग मजबूत बनाने के भारतीय नौसेना के मिशन के तहत भारतीय नौसेना के पोत नियमित रूप से विदेशों में तैनात किए जाते रहे हैं।