नई दिल्ली: भारतीय नौसेना के पोत आईएनएस तेग ने समुद्री डाकुओं से अभिशप्त अदन की खाड़ी में गश्त के दौरान नार्वे की कंपनी-7 सी नार्वें के एक जहाज एमवी वेला को आपात स्थिति में मदद पहुंचाई। अदन की खाड़ी में गश्त लगाने के दौरान 25 अगस्त, 2018 को आईएनएस तेग को संयुक्त कार्य बल के एक विमान से संदेश मिला कि एमवी वेला की ओर से तत्काल मदद मांगी जा रही है। जहाज में चालक दल के सभी सदस्य भारतीय हैं। जहाज में लगा लंगर तथा उससे जुड़ा 330 मीटर लंबा केबल जहाज से अलग हो गया, जिससे जहाज समुद्र में फंस गया है। इसकी वजह से जहाज की गति भी 5 से 6 मील प्रति घंटे पर सीमित हो गई। समुद्र में जहाज के इस तरह से फंस जाने से उसके समुद्री डाकुओं का आसान निशाना बन जाने का खतरा पैदा हो गया था।
एमवी वेला से मदद की गुहार पर पश्चिमी नौसेनिक कमान के पोत आईएनएस तेग ने फौरन कार्रवाई की और जहाज की स्थिति का आकलन करने और उसे मदद पहुंचाने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम तुरंत रवाना कर दी। इस टीम में आईएनएस के इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी और लंगर/केबल तथा अन्य उपकरणों के विशेषज्ञ शामिल थे।
तीन दिनों तक किए गए कठिन प्रयास के बाद आखिरकार एमवी वेला का लंगर उसके 330 मीटर लंबे केबल के साथ समुद्र से ढूंढ़ निकाला गया। इसने न केवल स्वेज नहर और लाल सागर से एमवी वेला की आगे की यात्रा को सुरक्षित बनाया, बल्कि लंगर के गिर जाने से होने वाले वित्तीय नुकसान को भी बचाया।
एमवी वेला और संयुक्त कार्य बल ने आईएनएस तेग और उसकी टीम का इस मदद के लिए तुरंत आभार जताया। एमवी वेला ने अपने ई-मेल संदेश में ‘लिखा समुद्र में जीवन की सुरक्षा के प्रति आपकी प्रतिबद्धता तथा आपात स्थितियों में साथी नाविकों को मदद पहुंचाने के आपके प्रयास समुद्री परंपराओं का बेहतरीन उदाहरण है जो सबके लिए अनुकरणीय है। एमवी वेला 28 अगस्त को समुद्र से लंगर ढूंढ़ निकालने में की गई मदद के लिए अपनी कंपनी 7 सी नार्वे और हांगकांग के फ्लीट मैनेजमेंट लिमिटेड की ओर से आपको धन्यवाद देता है और इस मदद के लिए भारतीय नौसेना को सलाम करता है’।
संयुक्त कार्यबल सीटीएफ (151)
संयुक्त कार्यबल सीटीएफ ने अपने संदेश में कहा, ‘एमवी वेला को आपात स्थिति में जिस तरह मदद पहुंचाई गई उसके लिए हम आईएनएस तेग के चालक दल के सदस्यों को धन्यवाद देते हैं’।