नई दिल्ली: विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्त संस्थान, नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएनएसटी), मोहाली के वैज्ञानिकों ने एक नए अकार्बनिक-कार्बनिक संकर यौगिक का संश्लेषण किया है जो स्तन, फेफड़े और यकृत कैंसर कोशिकाओं को रोक सकता है। यह मेटलोड्रग्स के लिए संभावनाओं के नए मार्ग खोल सकता है।
फॉस्फोमोलीबिक एसिड के एक अकार्बनिक लवण फॉस्फोमोलीबडेट क्लस्टर पर आधारित ठोस यौगिक, पोलीओक्सोमेटलेट (पीओएम) परिवार से संबंधित है, जिसमे एंटीट्यूमर क्षमता होने की पहले पहचान की गई थी। डॉ. मोनिका सिंह और डॉ. दीपिका शर्मा के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की टीम ने उस तंत्र की रूपरेखा बनाई है, जिसके द्वारा यौगिक कैंसर कोशिकाओं को ख़त्म करता है। यह शोध डाल्टन ट्रांजेक्शंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
पीओएम अकार्बनिक धातु ऑक्साइड का एक विकसित वर्ग है, जिससे पिछले दशकों में भरोसा पैदा करने वाली जैविक गतिविधियों का निर्माण हुआ। इसकी वजह उनके संरचनाओं और गुणों में अत्यधिक विविधता की मौजूदगी है।
यौगिक द्वारा कैंसर कोशिकाओं पर हमला कैसे किया जाता है, इस तंत्र की जांच करने के लिए, टीम ने इसे हाइड्रोथर्मल विधि द्वारा संश्लेषित किया। सोडियम मोलिब्डेट, फॉस्फोरस एसिड और बाइपिरिडीन का जलीय मिश्रण पीएच 4 के एसीटेट बफर घोल में 160 डिग्री सेल्सियस पर 72 घंटों के लिए गर्म किया गया। यौगिक की इन विट्रो साइटोटोक्सिसिटी, स्तन कैंसर (एमसीएफ -7), फेफड़े के कैंसर (ए 549) और यकृत कैंसर (हेप जी 2) कोशिकाओं में पारंपरिक एम टी टी परख (सेल मेटाबोलिकगतिविधि का आकलन करने के लिए उपयोग) द्वारा निर्धारित की गयी। विभिन्न कैंसर सेल लाइनों पर यौगिक के साइटोटॉक्सिक प्रभाव का अध्ययन किया गया और इसकी तुलना एमटीटी परख द्वारा नियमित रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले कीमोथैरेप्यूटिक एजेंट, मैथोट्रेक्सेट (टीसीआई) से की गयी।
स्तन कैंसर (एमसीएफ -7), फेफड़े के कैंसर (ए 549) और यकृत कैंसर (हेप जी 2) कोशिकाओं में कोशिका के खत्म होने के तंत्र का मूल्यांकन एलेक्सा फ्लोर 488 एनेक्सिन वी/ डेड सेल एपोप्टोसिस किट (इनवैलोजेन) का उपयोग करके किया गया। कोशिका विभाजन पर संश्लेषित सामग्रियों के प्रभाव को निर्धारित करने के लिए, प्रवाह साइटोंमेट्री का उपयोग करके एमसीएफ -7, ए 549, और हेप जी 2 सेल लाइनों के लिए सेल चक्र विश्लेषण किया गया था। इन विट्रो परिणामों से पता चला कि यह हाइब्रिड ठोस यौगिक सामान्य कोशिकाओं के प्रति कम विषाक्त है, और इसकी एंटीट्यूमर गतिविधि भी नियमित इस्तेमाल किए जाने वाले कीमोथैरेप्यूटिक एजेंट, मैथोट्रेक्सेट (एमटीएक्स) के साथ तुलना करने योग्य है।
पिछले कुछ दशकों में, कैंसर का मुकाबला करने के लिए भविष्य के मेटोलोड्रग्स के रूप में पीओएम एक आशाजनक उम्मीदवार के रूप में विकसित हुए हैं। आईएनएसटी टीम द्वारा संश्लेषित यौगिक एंटीट्यूमर अनुप्रयोगों के नए मार्ग खोल सकता है।