लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कोविड-19 के संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए सभी प्रयास जारी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल टेस्टिंग, विशेष रूप से रैपिड एन्टीजन टेस्ट की संख्या में वृद्धि की जाए। आर0टी0पी0सी0आर0 मशीन से किए जाने वाले टेस्ट की संख्या भी बढ़ाई जाए। उन्होंने प्रदेश में प्रतिदिन 1 लाख 50 हजार कुल टेस्ट सुनिश्चित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए आवश्यक मैनपावर की व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। सर्विलांस गतिविधियों में वृद्धि के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि सर्विलांस कार्य को बढ़ाकर लोगों की जीवन रक्षा में उल्लेखनीय सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि सर्विलांस को बेहतर करने के साथ ही, इंटीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेण्टर की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए। काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग तथा डोर-टू-डोर सर्वे कार्य को भी सघन रूप से संचालित किया जाए। कोविड-19 के संक्रमण के प्रति व्यापक जागरूकता का प्रसार इस प्रकार किया जाए, जिससे संक्रमित लोग सामने आने से न घबराएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार नीट तथा जे0ई0ई0 परीक्षाओं के आयोजन का समर्थन करती है। विगत 9 अगस्त, 2020 को राज्य में बी0एड0 की प्रवेश परीक्षा सम्पन्न हुई, जिसमें लगभग 5 लाख अभ्यर्थी थे। इस परीक्षा में कहीं से संक्रमण की कोई समस्या संज्ञान में नहीं आयी। इसी प्रकार लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश की परीक्षा भी सम्पन्न कराई गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड-19 से बचाव सम्बन्धी प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए सभी गतिविधियां प्रारम्भ होनी चाहिए। सरकारी कार्यालयों में अवकाश पर रहने वाले कार्मिकों तथा अस्वस्थ कार्मिकों को छोड़कर कार्यालय अवधि में प्रत्येक समय 50 प्रतिशत कर्मियों की उपस्थिति प्रत्येक दशा में रहनी चाहिए। उन्होंने समस्त अपर मुख्य सचिवों/प्रमुख सचिवों को अपने अधीनस्थ विभागाध्यक्ष कार्यालयों का निरीक्षण करने के निर्देश देते हुए कहा कि पूर्वान्ह 9ः30 बजे अनुपस्थित पाए गए अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि समस्त जिलाधिकारी कोविड सम्बन्धी कार्यों के साथ-साथ जनता की समस्याओं का समाधान भी सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रतिदिन पूर्वान्ह 9 से 10 बजे तक जिलाधिकारी कोविड-19 से सम्बन्धित कार्यों की समीक्षा करें। पूर्वान्ह 10 से 11 बजे तक शासकीय कार्यालयों का निरीक्षण कार्यक्रम निर्धारित करें। पूर्वान्ह 11 से अपरान्ह 01 बजे के दौरान अपने कार्यालय में जनता से भेंट कर उनकी समस्याओं को सुनें। इसी प्रकार की व्यवस्था तहसील एवं विकास खण्ड स्तर पर भी लागू की जाए। उन्होंने कहा कि अपरिहार्य परिस्थितियों में जिलाधिकारी अथवा तहसील में उपजिलाधिकारी की अनुपस्थिति की दशा में कोई अन्य जिम्मेदार अधिकारी इस शेड्यूल के अनुरूप कार्यवाही करे। उन्होंने पुलिस के स्तर पर भी इसी प्रकार की व्यवस्था लागू किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि गोरखपुर के बाल रोग चिकित्सा संस्थान को शीघ्रता से पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि कतिपय जनपदों से मलेरिया के मामले संज्ञान में आए हैं। इसके दृष्टिगत सम्बन्धित जिलों में तत्काल मेडिकल टीम भेजने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि चिकित्सा की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उर्वरकों के वितरण की व्यवस्था को और सुचारु बनाते हुए इसकी माॅनिटरिंग की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि किसानों के गन्ना मूल्य के भुगतान में शिथिलता बरतने वाली चीनी मिलों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए। बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों को फसलों आदि के लिए अनुमन्य मुआवजा राशि का समय से वितरण सुनिश्चित किया जाए।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री आलोक टण्डन, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक श्री हितेश सी0 अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ0 रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास तथा पंचायतीराज श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री आलोक कुमार, प्रमुख सचिव पशुपालन श्री भुवनेश कुमार, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।