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कोविड मरीजों के बेहतर उपचार की सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुएः सीएम

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कोविड मरीजों के बेहतर उपचार की सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में बेड, आॅक्सीजन, दवाओं, मेडिकल उपकरणों तथा चिकित्साकर्मियों की पर्याप्त उपलब्धता हमेशा बनी रहे। उन्होंने एम्बुलेंस सेवाओं का सुचारु संचालन सुनिश्चित कराने के निर्देश भी दिये हैं।
मुख्यमंत्री जी आज वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। समीक्षा से पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश श्री वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, विधायक श्री केसर सिंह, श्री सुरेश कुमार श्रीवास्तव, श्री रमेश चन्द्र दिवाकर तथा राजस्व परिषद के अध्यक्ष श्री दीपक त्रिवेदी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत सरकार के सहयोग से आॅक्सीजन एक्सप्रेस का संचालन किया जा रहा है। प्रदेश के सभी जिलों के सभी छोटे-बड़े अस्पतालों में आॅक्सीजन की उपलब्धता पर 24ग्7 नजर रखी जाए। आॅक्सीजन की मांग और आपूर्ति में संतुलन बनाने की आवश्यकता है। ऐसे में, प्रत्येक अस्पताल में आॅक्सीजन आॅडिट कराया जाए। जो लोग होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे हैं, उन्हें भी आवश्यकता के अनुसार आॅक्सीजन उपलब्ध कराया जाए। प्रदेश में कहीं भी आॅक्सीजन की कमी नहीं होने दी जाएगी। भारत सरकार द्वारा प्रदेश को उपलब्ध कराए गये सभी 1500 आॅक्सीजन कन्सन्ट्रेटरों को जनपदों में उपलब्ध कराया गया है। 500 ऑक्सीजन कंसेंट्रटर और उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है। पी0एम0 केयर्स फण्ड  से 01 लाख कन्सेन्ट्रेटर स्वीकृत किये गए हैं। इसके तहत भी उत्तर प्रदेश को अनुरोध करना चाहिए।उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 20-20 आॅक्सीजन कन्सेन्ट्रेटर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। इसके लिए एस0डी0आर0एफ0 निधि का उपयोग किया जाए। 61 जनपदों में आॅक्सीजन प्लाण्ट की स्थापना के सम्बन्ध में वांछित सूचनाएं भारत सरकार को प्रेषित की गयी हैं। इनके लिए स्थल चयन की कार्यवाही प्राथमिकता पर की जाए ताकि अनुमोदन प्राप्त होते ही अविलम्ब कार्य प्रारम्भ किया जा सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि रेमडेसिविर तथा अन्य जीवन रक्षक दवाओं का वितरण पारदर्शी रूप से किया जाए। सभी जरूरतमन्दों को यह सुविधाएं समान रूप से उपलब्ध करायी जाएं। चिकित्सकों के परामर्श के अनुसार आवश्यकता के अनुरूप सभी को दवा उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने आपूर्ति के साथ-साथ इसकी वितरण व्यवस्था को और बेहतर बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्हांेने कहा कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन द्वारा अस्पतालों में भर्ती कोविड संक्रमित मरीजों की स्थिति की निरन्तर जानकारी प्राप्त की जाए। शहरी व ग्रामीण इलाकों में निगरानी समितियां पूरी सक्रियता से कार्य करें। निगरानी समितियों की समीक्षा व माॅनीटरिंग लगातार हो।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जनपद में कोविड प्रबन्धन के तहत कोविड अस्पतालों के लिए प्रभावी सेक्टर प्रणाली लागू करें। इसके लिए प्रत्येक सेक्टर हेतु प्रभारी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया जाए। वह अपने सेक्टर के कोविड चिकित्सालयों तथा उसके आसपास के क्षेत्र में कोविड मरीज को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराते हुए उसके इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड नियंत्रण एवं प्रबन्धन कार्य में टेलीकन्सल्टेंसी का व्यापक रूप से उपयोग किया जाए, ताकि होम आइसोलेशन में रहे कोरोना मरीजों को घर पर ही चिकित्सीय परामर्श प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि आयुष विभाग कोरोना नियंत्रण के सम्बन्ध में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करें तथा उन्हें बताए कि आयुष पद्धति किस प्रकार से कोरोना से लड़ने में सहायक है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 01 मई, 2021 से प्रदेश के 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण का कार्य कोरोना महामारी से लड़ाई में बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए पंजीकरण प्रक्रिया प्रारम्भ कर ली जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि वैक्सीन का वेस्टेज न्यूनतम हों। सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक को 50-50 लाख डोज का आर्डर दे दिया गया है। इसके अलावा, अतिरिक्त डोज की व्यवस्था  के लिए ग्लोबल टेण्डर की कार्यवाही को आगे बढ़ाया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जनपदों में चिकित्सकों द्वारा कोरोना विषय पर जागरूक करने के लिए प्रिंट व इलेक्ट्राॅनिक मीडिया का सार्थक उपयोग किया जाए। इसमें चिकित्सक द्वारा यह बताया जाए कि किस व्यक्ति को होम आइसोलेशन में रहना है और किसको अस्पताल में भर्ती होना है। इससे अनावश्यक बेडों को आरक्षित करने वालों से बचाया जा सकेगा। साथ ही, जरूरतमंद को इलाज मिल जाएगा। उन्होंने कोरोना प्रिजम्टिव मरीजों के लिए लखनऊ के कैंसर संस्थान में वाॅर्ड बनाए जाने की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं। इसके माध्यम से कोरोना निगेटिव किन्तु कोरोना जैसे लक्षणों से ग्रस्ति व्यक्तियों को इलाज की सुविधा प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की सभी पुलिस लाइन्स में स्वास्थ्य विभाग की मदद से कोविड केयर सेन्टर बनाए जाएं, जहां बेड, मेडिकल उपकरण, आइसोलेशन वाॅर्ड, आॅक्सीजन की सुविधा रहे। उन्होंने कहा कि अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य तथा अपर मुख्य सचिव गृह आपसी समन्वय से इस कार्य को करें।
मुख्यमंत्री जी ने  कहा कि सभी जनपदों में रात्रिकालीन कोरोना कफ्र्यू और साप्ताहिक बंदी प्रभावी है। संक्रमण प्रसार को कम करने में कोरोना कफ्र्यू अत्यंत उपयोगी है। इसके दृष्टिगत अब शुक्रवार रात्रि 08 बजे से मंगलवार प्रातः 07 बजे तक साप्ताहिक बंदी होगी। उन्होंने कहा कि इस दौरान स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग का कार्य पूरी सक्रियता से किया जाए। साप्ताहिक बन्दी में इमरजेंसी और आवश्यक सेवाओं, टीकाकरण कार्यक्रम तथा औद्योगिक गतिविधियों को छोड़कर, शेष गतिविधियां प्रतिबंधित रहेगी। उन्होंने निर्देश दिए कि जिला सूचना अधिकारी अपने-अपने जनपदों में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग के दृष्टिगत किए गए कार्यों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। साथ ही, निगरानी समितियों के भी कार्यों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि कण्टेनमेण्ट जोन के प्राविधानों को सख्ती से लागू किया जाए। मास्क के अनिवार्य उपयोग के सम्बन्ध में प्रवर्तन की प्रभावी कार्यवाही की जाए। अस्पतालों एवं आॅक्सीजन उत्पादन व रीफिलिंग से जुड़ी इकाइयों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो। औद्योगिक इकाइयों में कोविड प्रोटोकाॅल का पालन कराते हुए गतिविधियां संचालित की जाएं। उन्होंने सभी जनपदों में क्वारण्टीन सेण्टर को प्रभावी ढंग से क्रियाशील रखने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विभिन्न राज्यों से प्रदेश में आ रहे प्रवासी कामगारध्श्रमिकों को क्वारण्टीन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में मरीजों को समय से मेडिकल किट उपलब्ध करायी जाए। मेडिकल किट में 07 दिन के लिए सभी निर्धारित दवाएं होनी चाहिए। उन्होंने गेहूं क्रय केन्द्र पूरी सक्रियता से संचालित किये जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को अपनी उपज बेचने में कोई दिक्कत न हो। गेहूं खरीद के दौरान कोविड प्रोटोकाॅल पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि सभी गो-आश्रय स्थलों पर जरूरी प्रबन्ध हों।

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