लखनऊ: उत्तर प्रदेश में ईज आॅफ डुईंग बिजनेस में उत्तरोत्तर सुधार लाने के लिए प्रदेश सरकार इस बात के लिए वचनबद्ध है कि अधिक से अधिक सेवाओं को आॅनलाईन उपलब्ध कराया जाए। साथ ही आॅनलाईन सेवाओं के लिए किसी भी दशा में आॅफलाईन आवेदन प्राप्त न किये जाएं। इसके अतिरिक्त आॅनलाईन आवेदन करने वाले आवेदकों से अभिलेखों की हार्डकाॅपी देने अथवा उनसे कार्यालय में सम्पर्क करने के लिए न बुलाया जाए।
अपर मुख्य सचिव कृषि, डाॅ0 देवेश चतुर्वेदी ने यह जानकारी देते हुये बताया कि सिंगल विन्डो पोर्टल ‘निवेश मित्र’ पर उपलब्ध करायी गयी समस्त आॅनलाईन सेवाओं में आॅफलाईन आवेदन एवं प्रोसेसिंग को प्रतिबंधित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि आॅनलाईन उपलब्ध सेवाओं के स्टेबलाईजेशन के लिए अधिकतम 03 माह का समय दिये जाने के निर्देश दिए गये हैं। निर्धारित अवधि व्यतीत हो जाने के उपरान्त किसी भी दशा में कोई आॅफलाईन आवेदन नहीं प्राप्त किया जायेगा और न ही आॅनलाईन प्राप्त आवेदनों की प्रोसेसिंग के लिए आवेदकों को हार्डकापी देने के लिए विवश किया जाएगा।
डाॅ0 चतुर्वेदी ने बताया कि ईज आॅफ डुईंग बिजनेस की समीक्षा में मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि सभी विभाग यह व्यवस्था सुनिश्चित करायेंगे कि जो सेवाएं आॅनलाईन उपलब्ध करा दी गयी हैं अथवा भविष्य में उपलब्ध हो जाती हैं, उनके लिये आॅफलाईन आवेदन लिया जाना प्रतिबंधित होगा। यदि कोई अधिकारी आॅफलाईन आवेदन पत्र स्वीकार करता है, तो उसके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की जायेगी।