लखनऊ: भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा खनिजों के ओवर लोडिंग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गयी है। खनन क्षेत्रों में निर्धारित मात्रा से अधिक उपखनिज लदे हुए वाहनों के पाये जाने पर संबंधित पट्टाधारकों एवं परिवहन कर्ताओं को बराबर का उत्तरदायी मानते हुए उनके विरुद्ध कठोर काय्रवाही भी की जायेगी।
यह जानकारी भूतत्व एवं खनिकर्म, निदेशक डा0 रोशन जैकब ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि इस संबंध मं जिलाधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा कि खनन परिहार धारकों एवं वाहन स्वामियों की संलिप्तता से वाहनों में निर्धारित क्षमता से अत्यधिक मात्रा में उपखनिजों का खनन कर परिवहन किया जा रहा है, जो राज्य सरकार के स्वच्छ एवं पारदर्शी प्रशासन की मंशा के विपरीत है।
डा0 जैकब ने कहा कि खनिज परिवहन के मानकों को पट्टाधारकों द्वारा पूरा नहीं किया जा रहा है। ओवर लोडिंग के कारण न केवल प्रदेश के सार्वजनिक मार्ग क्षतिग्रस्त हो रहे है, बल्कि उपखनिजों की ओवरलोडिंग से राजस्व पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने जिलाधिकारियों से अपेक्षा की है कि स्वीकृत खनन क्षेत्र पर ही उपखनिजों की ओवरलोडिंग को नियंत्रित करना सुनिश्चित करें।
निदेशक, ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि अवैध खनन पर खनिज मूल्य की वसूली के साथ खनन क्षेत्रों की पैमाइश भी करायी जाये। उन्होंने पर्यावरण स्वच्छता प्रमाणपत्र में उल्लिखित वार्षिक मात्रा से अधिक मात्रा पाये जाने पर खनन पट्टाधारक का वर्ष की शेष अवधि के लिए खनन कार्य प्रतिबंधित करने के निर्देश दिये है। उन्होंने यह भी निर्देश दिये है कि समय-समय पर शासन द्वारा इस संबंध में आवश्यक आदेश भी निर्गत किये गये। पट्टाधारक यदि इन आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित नहीं करते है, तो उनसे देय धनराशि की वसूली के साथ संबंधित वाहन की परिमिट निरस्त करने की कार्यवाही करने के बारे में परिवहन विभाग को सूचित किया जाये।
डा0 जैकब ने जिलाधिकारियों एवं खान अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि इस कार्य में किसी भी प्रकार शिथिलता और लापरवाही न बरती जाये।