लखनऊ: प्रदेश में आपदा के दौरान राहत कार्यों को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने का निर्णय लिया गया है ताकि प्रदेश मेें लू प्रकोप, बाढ़, सूखा, आकाशीय बिजली एवं आंधी तूफान से होने वाली हानि में राहत कार्य युद्ध स्तर पर करके लोगों को राहत प्रदान की जा सके।
इस संबंध में प्रदेश के राहत आयुक्त जी0एस0 प्रियदर्शी ने संबंधित विभागों को प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने संबंधित विभागों को इस बारे में प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने तथा एडवाइजरी जारी करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने ग्राम्य विकास, पंचायती राज, स्वास्थ्य पशुपालन, परिवहन, नगर विकास, सिंचाई सहित अन्य विभागों से अपेक्षा की है कि वे राहत कार्यों के लिए अधीनस्थ अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक रणनीति पहले से ही तैयार कर लें, ताकि आपदा के दौरान राहत कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने में कोई कठिनाई न हो।
राहत आयुक्त ने संबंधित विभागों के विभागाध्यक्षों से अपेक्षा की है कि 30 मई 2019 तक कार्ययोजना तैयार करके, उसकी एक प्रति राहत आयुक्त कार्यालय को भी उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
श्री प्रियदर्शी ने ग्राम्य विकास व पंचायती राज विभाग को निर्देशित किया है कि आपदा प्रबंधन व राहत खोज-बचाव के उपकरण व अन्य संसाधन जैसे-लाइटनिंग अरेस्टर, लाइफ जैकेट, इमरजेंसी लाइट, इनफ्लेटबल टावर लाइट आदि क्रय तथा बाढ़ के दौरान अस्थाई शरणालय बनाने के प्रयोग में आने वाले मूलभूत संसाधनों को पंचायत द्वारा क्रय कर लिया जाएं ताकि हर वर्ष इन्हें प्रयोग कर राहत कैम्प बनाये जा सकें।
राहत आयुक्त ने परिवहन विभाग को सभी बस अड्डों में विशेष रूप से प्राइवेट बस स्टैण्ड के निकट पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा बाढ़ के समय पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं के लिए अस्थाई शरणालय बनाने हेतु मिनिमम स्टैण्डर्ड आॅफ केटल रिलीफ कैम्प की गाइड लाइन बनाने के भी निर्देश दिये हैं।