लखनऊ: प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री श्री रमापति शास्त्री ने कहा कि उ0प्र0 माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण नियमावली-2014 में दिये गये प्राविधानों का पालन अवश्य किया जाये। प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में पी0पी0पी0 माडल पर संचालित वृद्धाश्रमों की विभिन्न कार्य विधियों एवं गुणवत्तापरक बनाने के उद्देश्य से वृद्धाश्रमों के संस्थाध्यक्षों/संस्था अधीक्षकों को आवश्यक निर्देश दिये।
यह निर्देश श्री शास्त्री ने भागीदारी भवन गोमतीनगर के सभाकक्ष में आयोजित विभागीय बैठक में दिये। उन्होने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में समाज कल्याण विभाग के माध्यम से वृद्धाश्रम स्वीकृत है, जिसमें देवरिया जनपद में संचालित वृद्धाश्रम को छोडकर सभी जनपदों में वृद्धाश्रम संचालित किये जा रहे है, जिसमें निवासरत वृद्धजनों को निःशुल्क भोजन, वस्त्र, आवास, पर्सनल केयर, मनोरंजन, औषधि आदि की पूर्ण व्यवस्था शासन/विभाग द्वारा की जा रही है।
श्री शास्त्री ने कहा है कि वृद्वाश्रम में निवासरत वृद्वजनों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नही होने पाये इसका विशेष ध्यान रखा जाये। उन्होने आश्रम में रहने वाले वृद्धों को प्राथमिकता के आधार पर वृद्धावस्था पेंशन स्वीकृत करने के निर्देश जिला समाज कल्याण अधिकारियों को दिये है। उन्होने कहा कि आश्रम में वृद्धजनों हेतु योगासन तथा भजन कीर्तन की व्यवस्था कराई जा रही है। मनोरंजन हेतु टी0वी0 तथा केविल भी लगा है। प्रत्येक माह मुख्य चिकित्साधिकारी की टीम द्वारा उनका स्वस्थ परीक्षण कराया जाता है, तथा संस्था में प्राथमिक उपचार की भी समुचित व्यवस्था है। अधिकांश आश्रमों में सी0सी0टी0वी0 लगा है। संस्थाओं को यह भी जिम्मेदारी दी गयी है कि प्रचार-प्रसार के माध्यम से जरूरतमन्द वृद्ध व्यक्तियों को संस्था में प्रवेश दें।
निदेशक समाज कल्याण श्री जगदीश प्रसाद ने बताया कि प्रत्येक वृद्धाश्रम में प्रति वृद्ध हेतु 75 रू0 में प्रतिदिन दो समय का भोजन एवं दो समय का नाश्ता, तथा 200 रू0 औषधि, 150 रू0 मनोरंजन, 100 रू0 पर्सनल केयर (तेल, साबुन, पेस्ट, सेविंग आदि) प्रतिमाह प्रति वृद्धजन पर व्यय किया जा रहा है। आर0ओ0 का शुद्ध पेयजल, निःशुल्क प्रकाश की व्यवस्था हेतु जनरेटर तथा इन्र्वटर एवं वार्शिंग मशीन की व्यवस्था प्रत्येक आश्रम में है।
अपर निदेशक समाज कल्याण श्री पी0सी0उपाध्याय ने बताया कि संस्थाओं में वृद्धजनों के प्रवेश के लिए आवेदन पत्र जनपद के विकास खण्ड कार्यालय, जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय, नगर निकाय कार्यालय, तहसील, कलेक्टेªट के साथ ही संस्था में सीधे जमा कराने की व्यवस्था है। जिला समाज कल्याण अधिकारी/भरण-पोषण अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी द्वारा नामित खण्ड विकास अधिकारी, नगर निकाय का प्रतिनिधि के साथ बैठक आहूत करके संस्थाओं में वृद्धजनों के प्रवेश के लिए अधिकृत है। सभी आश्रमों में बजट की व्यवस्था कराकर उक्त सुविधा अनुमन्य करायी जायेगी।