लखनऊ: निदेशक आयुर्वेद सेवाएं उत्तर प्रदेश श्री एस0एन0 सिंह ने कहा कि विभिन्न दैनिक समाचार पत्रों, विज्ञापनों, होर्डिंगों एवं विभिन्न टी0वी0 चैनलों में आयुर्वेदिक औषधियों के गुणों को बढ़ा-चढ़ाकर एवं अतिशयोक्तिपूर्ण ढंग से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इस संबंध में उन्होंने कहा कि द ड्रग्स एण्ड काॅस्मेटिक्स रूल्स 1945 जो यूनानी औषधियों के विज्ञापनों के प्रतिषेध से संबंधित है। इसमें आयुर्वेदिक, सिद्ध एवं यूनानी औषधियों के विज्ञापनों को प्रिन्ट मीडिया एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रचारित एवं प्रसारित करने की व्यवस्था दी गयी है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक औषधि निर्माता लाइसेंस प्राप्त कर एवं निर्धारित नियम का पालन करते हुए ही विज्ञापन करें।
श्री सिंह ने आयुर्वेदिक औषधि निर्माताओं को निर्देश दिए हैं कि उनके द्वारा आयुर्वेदिक औषधियों के प्रचार प्रसार हेतु दैनिक समाचार पत्रों, विज्ञापनों, होर्डिगों एवं विभिन्न टी0वी0 चैनलों में, सम्बन्धित राज्य के लाइसेन्स प्राधिकारी के निर्धारित प्रारूप पर अनुमति प्राप्त करने के उपरान्त ही प्रकाशन एवं प्रसारण हेतु दिये जायें। उन्होंने निर्देश दिए कि ड्रग्स एण्ड मैजिक रिमेडीज (आॅब्जेक्शनेबल एडवरटाइजमेंट) एक्ट, 1954 का अक्षरशः अनुपालन करना भी सुनिश्चित किया जायंे। अन्यथा उनके विरूद्ध ड्रग्स एण्ड मैजिक रिमेडीज (आॅब्जेक्शनेबल एडवरटाइजमेंट) एक्ट, 1954 में दिये गये प्राविधानों के अन्तर्गत कड़ी कार्यवाही की जायेगी।