देहरादून: एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना (आइफेड) की बैठक शनिवार को सचिवालय में मुख्य सचिव राकेश शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में मुख्य सचिव ने मंडुआ, झंगोरा, चैलाई आदि पारम्परिक खेती को बढ़ावा देने के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। इसमें पैदावार बढ़ाने और बाजार व्यवस्था की योजना भी शामिल की जाय। उन्होंने इसके अलावा सेब उत्पादन, डेयरी, बहुउद्देशीय परियोजना, भेड़-बकरी पालन आदि आजीविका से जुडे क्षेत्रों को विकसित करने पर जोर दिया।
मुख्य सचिव ने कहा कि एप्पल चेन में जनपद पिथौरागढ़ के धारचूला और देहरादून के चकराता क्षेत्र को लिया जाय। उसके बाद अन्य क्षेत्रों में भी इसका विस्तार किया जाय। डेयरी विकास के लिए जनपद चमोली के थराली और जनपद अल्मोड़ा को शामिल किया जाय। गैरसेंण में दुग्ध उत्पादन की परियोजना चलाई जाय। सब्जी, जड़ी-बूटी, हल्दी, पशुचारा आदि विभिन्न बहुउद्देशीय परियाजनाएं चम्पावत में चलाई जाय। इसके लिए पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय से सहयोग लिया जाए। भेड़-बकरी पालन से लोगों को आजीविका से जोड़ने के लिए बागेश्वर के गरूड़ और देहरादून के चकराता क्षेत्र को लिया जाय। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि परियोजना से जुड़े लोग क्षेत्र में जाकर कार्य योजना बनाएं। इसके लिए उन्होंने 15 दिन की समय सीमा तय की। बैठक में उपस्थित आईफेड मिशन के कंट्री डायरेक्टर और उनकी टीम ने उत्तराखण्ड में हुई पिछले तीन महीने के प्रगति की सहराहना की।