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स्वरोजगार संगम कार्यक्रम में विभिन्न जनपदों के लाभार्थियों से वर्चुअल संवाद करते हुएः सीएम

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि कोरोना काल खण्ड में पूरे देश में बेरोजगारी बढ़ी, लेकिन प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा संचालित ओ0डी0ओ0पी0, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के माध्यम से प्रदेश में व्यापक स्तर पर रोजगार सृजित हुए हैं।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित स्वरोजगार संगम कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं एक जनपद एक उत्पाद योजना इत्यादि रोजगारपरक योजनाओं के तहत एम0एस0एम0ई0 इकाइयों, व्यावसायिक इकाइयों, कृषकों एवं समाज के पिछड़े वर्गाें को आर्थिक सहायता तथा रोजगार प्रदान करने हेतु स्वरोजगार संगम कार्यक्रम के अन्तर्गत 5,06,995 लाभार्थियों को 4,314 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया।
स्वरोजगार संगम कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी ने 09 लाभार्थियों-श्री प्रवीण सिंह, श्री राधे रमण शर्मा, श्री विकास अग्रवाल, श्रीमती अपर्णा सुहैल खान, सुश्री तरन्नुम, श्री योगेश गुप्ता, सुश्री नेहा अवस्थी, श्री मुकेश कुमार सिंह तथा सुश्री रितु कुमारी को अपने कर कमलों से ऋण राशि का चेक प्रदान किया। उन्होंने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना व एक जनपद एक उत्पाद योजना के लाभार्थियों को उन्नत टूलकिट भी वितरित किये।
मुख्यमंत्री जी ने योजनाओं के लाभार्थीगण-जनपद सिद्धार्थनगर की श्रीमती शीला, जनपद मुरादाबाद की श्रीमती अनीशा बंसल, जनपद वाराणसी के श्री स्पर्श अग्रहरी, जनपद गोरखपुर के श्री अखिलेश चन्द्र, जनपद कानपुर देहात के श्री दिनेश चन्द्र अवस्थी, जनपद मथुरा की श्रीमती कंचन तथा जनपद सहारनपुर के श्री इस्तखार से वर्चुअल संवाद किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना काल खण्ड में 40 लाख श्रमिक और कामगार प्रदेश आए थे, उन्हें प्रदेश में ही रोजगार मुहैया कराया गया। आज प्रदेश में 01 करोड़ 61 लाख लोगों को अलग-अलग उद्यमों से जोड़ा गया है। 60 लाख हस्तशिल्पियों, कारीगरों आदि को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना सहित विभिन्न योजनाओं द्वारा स्वरोजगार से जोड़ने का कार्य किया गया है। इन योजनाओं के माध्यम से स्वरोजगार अभियान को गति मिली है।
मुख्यमंत्री जी ने लाभार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जब आप एक व्यक्ति को नौकरी देते हो, तो वह सिर्फ एक व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि इससे पूरे परिवार का पेट भरता है। एक परिवार स्वावलम्बन की दिशा में अग्रसर होता है। उसको देख पूरा गांव उस नवाचार के साथ जुड़ता है। आप सभी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की मंशा के अनुरूप जॉब देने वाले की स्थिति में आ चुके हैं। उत्तर प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम से जुड़े हुए क्लस्टर पहले से मौजूद हैं। हमारे यहां अलग-अलग क्षेत्रों में इस प्रकार के क्लस्टर हमारे दूरदर्शी सोच के महापुरुषों ने स्थापित किये थे। जैसे मुरादाबाद का ब्रास, अलीगढ़ का हार्डवेयर, खुर्जा की क्रॉकरी, कन्नौज का इत्र, फिरोजाबाद का ग्लास उत्पाद, वाराणसी की साड़ी, भदोही की कालीन, लखनऊ की चिकनकारी, मेरठ का खेल का सामान और गोरखपुर का टेराकोटा। हर जनपद की अपनी एक विशिष्ट पहचान है। यह विशिष्ट पहचान बीच के काल खण्ड में समाप्त हो गयी थी। वर्तमान सरकार ने उसका पुनरुद्धार करते हुए उसकी मैपिंग, ब्राण्डिंग और मार्केटिंग करने का कार्य किया। इसके तहत सभी जनपदों के विशिष्ट उत्पादों को ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ से जोड़ा गया है। इससे रोजगार की ढेर सारी सम्भावनाएं सृजित हुई हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में परम्परागत उद्यमों के साथ-साथ मिशन शक्ति के अन्तर्गत महिलाओं के स्वावलम्बन के लिए बी0सी0 सखी, प्रत्येक ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालय पर महिला स्वयं सहायता समूह से जोड़ने का कार्य, पोषाहार मिशन के अन्तर्गत गांव की महिला स्वयं सहायता समूह को पोषाहार की जिम्मेदारी देकर पूरे प्रदेश के अन्दर इन कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का कार्य किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आर्थिक स्वावलम्बन के उद्देश्य से प्रदेश में 75,000 महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। उनमें से 21,000 महिलाओं को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अन्तर्गत ऋण भी वितरित किया गया है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अन्तर्गत 75,000 परम्परागत कारीगरों का निःशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। जिसमें से 25,000 कारीगरों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अन्तर्गत ऋण वितरित किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक व्यक्ति जब स्वावलम्बी होता है, तो वह गांव व समाज को समृद्ध करता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना काल खण्ड में भी बेरोजगारी दर को 18 प्रतिशत से कम करते हुए 04 प्रतिशत तक लाने में सफलता मिली है। बेहतर कानून-व्यवस्था ने यहां निवेश की सम्भावनाओं को बढ़ाया, जिससे प्रदेश में भारी निवेश आया और लोगों को रोजगार मिला। उन्होंने ऋण प्राप्त करने वाले सभी लाभार्थियों से ऋण की किश्तों का समय से भुगतान करने और बैंक से अधिक से अधिक डिजिटल रूप से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि इससे उन्हें अतिरिक्त लाभ होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने तय किया कि परम्परागत हस्तशिल्पियों, कारीगरों, श्रमिकों, कुली आदि को दिसम्बर, 2021 से मार्च, 2022 तक 04 माह के दौरान 500 रुपये प्रतिमाह भरण-पोषण भत्ता दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्लास्टिक पर्यावरण को प्रदूषित करती है, तमाम प्रकार की बीमारियों को जन्म देती है। इसके दृष्टिगत वर्तमान सरकार ने प्लास्टिक को बैन किया। साथ ही, प्लास्टिक का विकल्प उपलब्ध कराने के लिए भी कार्य किया। प्रदेश सरकार द्वारा माटी कला बोर्ड का गठन किया गया। प्रत्येक वर्ष अप्रैल से जून तक हर गांव के तालाब की मिट्टी कुम्हारी कला से जुड़े लोगों को निःशुल्क देने की व्यवस्था करायी। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अन्तर्गत ट्रेनिंग के विशेष कार्यक्रम शुरु किये। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले लोगों को उन्नत टूलकिट भी उपलब्ध करवाये गये।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग की ‘माइक्रो, स्मॉल एण्ड मीडियम इण्टरप्राइजेज इम्प्लॉयमेण्ट जेनरेशन सर्वे’ रिपोर्ट का विमोचन किया। ज्ञातव्य है कि एम0एस0एम0ई0 सेक्टर में सृजित रोजगार का आकलन करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने यह सर्वे कराया। सर्वे राज्य के सभी 75 जनपदों में किया गया। इसके अन्तर्गत 11 लाख सहायता प्राप्त एम0एस0एम0ई0 इकाइयों का अध्ययन करते हुए यह पाया गया कि इन इकाइयों के माध्यम से 30 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है। अर्थात एक इकाई के माध्यम से औसतन 03 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ। इस प्रकार वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में 92 लाख से अधिक इकाइयों को ऋण के माध्यम से उपलब्ध करायी गयी मदद से लगभग 03 करोड़ लोगों को एम0एस0एम0ई0 सेक्टर में रोजगार मिला।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी का सपना हर हाथ को काम देना है। उन्होंने कहा कि एम0एस0एम0ई0 के माध्यम से बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लोगों को रोजगार प्राप्त हुए हैं।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य मंत्री श्री चौधरी उदयभान सिंह ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 एवं सूचना श्री नवनीत सहगल, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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