देहरादून: 10 दिसम्बर को अन्तराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम के सम्बन्ध में अध्यक्ष उत्तराखण्ड मानवधिकार आयोग/ न्यायमूर्ति श्री वीजेन्द्र जैन ने प्रेस को जानकारी
देते हुए कहा कि राज्य सरकार एवं मानवाधिकार आयोग के संयुक्त तत्वावधान में अन्तराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के अवसर पर ए.एन.एम. घोष आॅडिटाॅरियम ओ.एन.जी.सी में सुशासन नागरिकों के संविधान प्रदत्त मूल मानवाधिकारों के संरक्षण एवं संवर्धन के सम्बन्ध में कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
उन्होने कहा कि भारत में न्यायपालिका ने मानवाधिकारों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जब भी किसी भी संस्था द्वारा या व्यक्ति विशेष द्वारा मानव के मौलिक अधिकारों या मानवाधिकारों को क्षति पंहुचाई जाति है या शक्ति के दुरूपयोग द्वारा मौलिक अधिकारों को प्रभावित किया जाता है तब न्यायपालिका ने हस्तक्षेप करके उन अधिकारों के तहत मानव की सुरक्षा की है। उन्होने बताया कि अन्तराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस 10 दिसम्बर मनाने के महत्व की जानकारी देते हुए कहा कि द्वितीय महा विश्वयुद्ध के समय 6 करोड़ लोग मारे गये थे, जिसके देखते हुए मानवाधिकारों के संरक्षण की आवश्यकता महसूस हुई। मानव अधिकारों की रक्षा हेतु केन्द्र में राष्ट्रीय तथा राज्य में मानवाधिकार आयोग का गठन हुआ। उन्होने कहा कि इस समारोह में राज्य सरकार के सभी विभागों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा, जिसमें राजस्व, वन, स्वास्थ्य, पुलिस एवं विधि के वरिष्ठ छात्रों को शामिल किया गया है। उन्होने कहा कि इस कार्यक्रम में महामहिम राज्यपाल डाॅ0 कृष्णकान्त पाल, तथा मा0मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत प्रतिभाग करेगें। उन्होने कहा कि देश में मानवाधिकार आयोग की यह 70 वी वर्षगांठ आयोजित की जा रही है।