नई दिल्ली: वित्त (संख्या-2) अधिनियम, 2014 ने ट्रांसफर प्राइसिंग व्यवस्था से संबंधित आयकर अधिनियम के प्रावधान में संशोधन किया था। अधिनियम के धारा-92सी (2) के संशोधन का उद्देश्य किसी अंतर्राष्ट्रीय लेन-देन या विशिष्ट घरेलू लेन-देन की आर्म्स लेंग्थ प्राइस (एएलपी) के निर्धारण के लिए ‘रेंज’ की अवधारणा लागू करने को सुगम बनाना था। इसके अतिरिक्त ट्रांसफर प्राइसिंग के उद्देश्य से तुलनात्मक विश्लेषण के लिए बहु वर्ष आंकड़ों के उपयोग को भी इसमें शामिल किया जाना था।
ट्रांसफर प्राइसिंग में बहु वर्ष आंकड़ों और ‘रेंज’ की अवधारणा का उपयोग आयकर नियमों, 1962 में किए जाने वाले संशोधनों के माध्यम से समावेशित किया जाना प्रस्तावित है।
इस संदर्भ में नियमों में समावेशित करने के लिए नई व्यवस्था की रूपरेखा का मसौदा तैयार कर लिया गया है और इसे हितधारकों और आम जनता की ओर से टिप्पणियों के लिए वित्त मंत्रालय की वेबसाइट (www.finmin.nic.in) और आयकर विभाग की वेबसाइट (www.incometaxindia.gov.in) पर अपलोड कर दिया गया है।
प्रारूप पर टिप्पणियां एवं सुझाव ई-मेल पते (dirtpl1@nic.in) या डाक के द्वारा निम्नलिखित पते पर 31 मई तक भेजे जा सकते हैं जिसके लिफाफे पर ‘ट्रांसफर प्राइसिंग नियमों के मसौदे पर टिप्पणियां’ लिखा होना चाहिए।