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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर देहरादून स्थित पैवेलियन ग्राउन्ड में आयोजित राज्य स्तरीय योग कार्यशाला में योगाभ्यास करते हुए: मुख्यमंत्री हरीश रावत

उत्तराखंड
देहरादून: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर देहरादून स्थित पैवेलियन ग्राउन्ड में आयोजित राज्य स्तरीय योग कार्यशाला में प्रतिभाग करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अन्य लोगों के साथ योगाभ्यास किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने प्रदेश में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के प्रचार-प्रसार व इसके माध्यम से रोजगार सृजन के लिए राज्य सरकार की कार्ययोजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि योग हजारों सालों से हमारी जीवन पद्धति का हिस्सा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में पूरे विश्व की ओर से योग को औपचारिक रूप से विधिवत मान्यता मिली है।

मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड योग की उद्गम स्थली रहा है। हमारे प्रदेश में 20 हजार से अधिक योग प्रशिक्षित हैं। योग दिवस मनाने के साथ ही हमारी बड़ी चिंता इनके लिए रोजगार की व्यवस्था करना है। यही कारण है कि हम योग दिवस पर पूरी कार्ययोजना के साथ जनता के बीच आए हैं। सम्भवतः उŸाराखण्ड इकलौता राज्य है जहां कि राज्य सरकार ने योग के संबंध में अपनी कार्ययोजना प्रस्तुत की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब इस उम्र में हरीश रावत योग सीख सकता है तो दूसरे लोग क्यों नहीं सीख सकते हैं। हमारा मानना है कि योग का सरलतम रूप प्रस्तुत किया जाना चाहिए ताकि प्रत्येक व्यक्ति इसे अपना सके। योग एकाग्रता, शारीरिक व मानसिक क्षमता को बढ़ाता है। हमने अपने अलौकिक प्राकृतिक संुदरता वाले स्थलों को अपनी संस्कृति से तो जोड़ने का प्रयास किया ही है। अब इन्हें योग से भी जोड़ा जाएगा ताकि पावन हिमालय व गंगा के समीप दूसरे प्रदेशों से आने वाले पर्यटकों को योग सीखने का मौका मिल सके।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने प्रदेश में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के प्रचार-प्रसार व इसके माध्यम से रोजगार सृजन के लिए राज्य सरकार की कार्ययोजना की घोषणा की। इसकी विस्तार से जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि प्रदेश के समस्त आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में प्रातः अनिवार्य रूप से एक घण्टे योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा कार्यक्रम संचालित किया जायेगा। इस हेतु प्रशिक्षित योग अनुदेशकों की अंशकालिक तैनाती सुनिश्चित की जायेगी। पहले चरण में यह कार्यवाही जिला स्तर के आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में प्रारम्भ की जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक नगर निगम, नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायत अपने क्षेत्र में एक पार्क चिन्हित कर उसे योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पार्क के रूप में विकसित करेंगे, जिसमें प्रशिक्षित योग अनुदेशकों को अंशकालिक रूप में संबंधित निकाय द्वारा तैनात किया जायेगा। यह सुविधा यथासंभव स्ववित्त पोषित आधार पर संचालित की जायेगी। इस हेतु संबंधित निकाय न्यूनतम शुल्क निर्धारित कर सकती है। संबंधित निकायों को यह भी स्वतंत्रता होगी कि यदि कोई अन्य निजी अधिष्ठान स्वयं के खर्च पर इस कार्य को एक न्यूनतम गुणवत्ता मानकों पर संचालित करने के लिए इच्छुक हो तो वे उन्हें यह कार्य दें सकें।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रदेश के चयनित माध्यमिक शिक्षा संस्थानों में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा को ऐच्छिक विषय के रूप में पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जायेगा। सभी कार्यरत शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों को योग में प्रशिक्षित किया जायेगा। उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा संकाय की स्थापना की जायेगी। इसके माध्यम से स्ववित्त पोषित आधार पर प्रमाण पत्र स्तरीय पाठ्यक्रमों का भी संचालन किया जायेगा। योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्वति के माध्यम से स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार सृजन एवं पर्यटन को प्रोत्साहन देने के सम्बन्ध में बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में योग ग्राम की स्थापना कर समय समय पर पर्यटकों के लिए योगा प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जायेंगे। इसके साथ ही भ्वउम ैजंले पर्यटन को बढ़ावा दिया जायेगा। आयुर्वेंद एवं पर्यटन विभाग इसके लिए संयुक्त रूप से विस्तृत कार्ययोजना निर्मित करेंगे। उन्होंने बताया कि योजना में निजी प्रयासों को प्रोत्साहन देने के लिए पृथक से प्दबमदजपअम च्ंबांहम घोषित किये जायेंगे। राज्य में कार्यक्रमों के संचालन के लिए ऋषिकेश एवं टनकपुर में बेस कैम्प स्थापित किये जायेंगे। हरिद्वार में वीआईपी घाट पर नियमित रूप से प्रत्येक दिन प्रातः योग शिविर का संचालन हरिद्वार विकास प्राधिकरण एवं उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के सौजन्य से किया जायेगा। ऋषिकेश में एक विशेष घाट का सुदृढ़ीकरण एवं सौन्दर्यीकरण कर ऐसे शिविर की व्ययवस्था गढवाल मण्डल विकास निगम द्वारा की जायेगी। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में अर्द्धकुम्भ मेले के दौरान किसी उपयुक्त तिथि को योग कुम्भ का आयोजन पर्यटन विभाग द्वारा किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेंद विश्वविद्यालय तथा दून विश्वविद्यालय के तत्वाधान में विदेशी भाषा विद्यालय की स्थापना की जायेगी, जहां अंग्रेजी सहित अन्य विदेशी भाषाओं में बोलने एवं लिखने की क्रियात्मक जानकारी देने हेतु प्रमाण पत्र/डिप्लोमा स्तरीय पाठ्यक्रम स्ववित्त पोषित आधार पर संचालित किये जायेंगे। योग प्रशिक्षित व्यक्तियों को यहां विदेशी भाषाओं में प्रशिक्षित किया जायेगा ताकि विदेशांे में योग अनुदेशकों के रूप में उन्हें रोजगार प्राप्त हो सकें। यह ज्ञातव्य है कि विदेशों में इनकी व्यापक मांग है तथा अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की घोषणा के बाद इस मांग में उत्तरोत्तर वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार पर्यटन योजना के अंतर्गत आयुर्वेंद उपचार यह योग ध्यान केन्द्र ;ॅमससदमेे ब्मदजतमेद्ध की स्थापना के लिए अतिरिक्त अनुदान की व्यवस्था की जायेगी, जिससे इस दिशा में स्वरोजगार प्राप्त कर प्रशिक्षित योग अनुदेशक स्वावलम्बी बन सकें तथा उत्तराखण्ड का केरल का भांति ॅमससदमेे ज्वनतपेउ के मानचित्र पर उदय हो। उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा तीन सितारा एवं उससे प्रास्थिति के होटल/रिजार्ट आदि के पंजीकरण हेतु योग विंग की स्थापना तथा योग प्रशिक्षितों के सेवायोजन की अनिवार्य शर्त रखी जायेगी।
सीएम ने कहा कि कार्ययोजना के क्रियान्वयन के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी पर्यटन विभाग की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जायेगा। जो इस सम्बन्ध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर अवस्थापना विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित की जाने वाली राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति को अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करेगी। राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति से अनुमोदन प्राप्त होने के उपरान्त समिति द्वारा कार्ययोजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया जायेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश में राज्य स्तरीय योग एवं आयुष उपचार परिषद गठित करने की घोषणा करते हुए कहा कि देव संस्कृति विश्वविद्यालय की प्रशिक्षु दिलराज प्रीत कौर को परिषद का ब्रांड एम्बेसडर बनाया जायेगा।
विशिष्ट अतिथि स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि योग से जीवन सरल व अनुशासित होता है। सरकार का प्रयास है कि योग को जन-जन तक पहुंचाया जाए। उन्होंने लोगों से अपील की कि बीड़ी, सिगरेट व तम्बाकू का त्याग कर स्वस्थ जीवन को अपनाएं। युवा पीढ़ी नशे से दूर रहे।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव ओमप्रकाश, सचिव विनोद शर्मा, डीजीपी बीएस सिद्धू, शंातिकुंज के      डा. प्रमोद भटनागर, डा.सुनील कुमार सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे। कार्यशाला में आईटीबीपी, पुलिस के जवानों, देव संस्कृति विश्वविद्यालय व अन्य विद्यालयों के छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया।

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