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सरकार विभिन्‍न पदों पर नियुक्ति के लिये साक्षात्‍कार प्रथा खत्‍म करने के पक्ष में

देश-विदेश

नई दिल्ली: पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्‍य मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा है कि केन्‍द्र सरकार जूनियर स्‍तर के पदों पर नियुक्ति के लिये साक्षात्‍कार लेने की प्रथा को समाप्‍त करने के पक्ष में है।

डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने आज यहां विभिन्‍न राज्‍यों तथा केन्‍द्र शासित प्रदेशों के सामान्‍य प्रशासन विभाग/कार्मिक के प्रधान सचिवों की बैठक की अध्‍यक्षता करते हुए कहा कि कार्मिक तथा प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने साक्षात्‍कार प्रथा खत्‍म करने के लिए उपर्युक्‍त पदों की पहचान करने का गंभीर अभ्‍यास शुरु किया है और इस संबंध में विभिन्‍न राज्‍य सरकारों, राज्‍य लोक सेवा आयोगों तथा कर्मचारी चयन आयोग को सूचना दे दी गई है। ऐसा प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा स्‍वतंत्रता दिवस संबोधन में दिये गये सुझाव के बाद किया गया है।

डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि सरकार शीघ्र ही ऐसे सभी पदों, विशेषकर समूह III और IV जैसे यूनियर स्‍तर के पदों, की पहचान करेगी जहां साक्षात्‍कार की प्रथा खत्‍म करने की संभावना है वहां इसे रोक दिया जायेगा। उन्‍होंने कहा कि यह आवश्‍यक नहीं है कि एक पद के लिए साक्षात्‍कार से उम्‍मीदवार की क्षमता का निर्धारण हो जाये, साक्षात्‍कार व्‍यवस्‍था में कभी कभार छल-कपट तिकड़म तथा भ्रष्‍टाचार की संभावना बनी रहती है। इसलिए ऐसे पदों को छोड़कर जहां विशेष कार्य के लिए विशेष क्षमता जांच के लिए साक्षात्‍कार से ममद मिलेगी, शेष मामलों में साक्षात्‍मकार खत्‍म करना न केवल जनहित में होगा बल्कि संसाधन की कमी वाले तथा निचले सामाजिक, आर्थिक आधार से आने वाले उम्‍मीदवारों को भी समान स्‍तर मिलेगा। वर्तमान सरकार के पिछले 15 महीनों में डीओपीटी द्वारा लिये गये कुछ क्रान्तिकारी निर्णयों की चर्चा करते हुए डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने प्रमाण-पत्रों के स्‍व: सत्‍यापन व्‍यवस्‍था लागू करने का विशेष जिक्र किया। उन्‍होंने कहा कि इससे न केवल युवाओ को राजपत्रित अधिकारियों से अपने प्रमाण पत्रों के सत्‍यापन के लिए होने वाली परेशानी दूर होगी बल्कि वहीं इससे यह संदेश जाता है कि वर्तमान सरकार देश के युवाओं पर भरोसा करती है। उन्‍होंने पेंशन पोर्टल को अंतिम रूप देने की पेंशन विभाग की योजना की भी चर्चा की और कहा कि इससे पेंशन धारक द्वारा जीवन प्रमाण पत्र देने की प्रथा समाप्‍त करने में मदद मिलेगी।

डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने बताया कि तीन राज्यों जम्‍मू तथा कश्‍मीर, महाराष्‍ट्र तथा तमिलनाडु के लिए एक पायलट अभ्‍यास शुरु किया गया है। इसमें पहली बार राज्‍य स्‍तर के नये पदाधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक लागू हुआ है और यह अभ्‍यास दूसरे अन्‍य राज्‍यों तक बढ़ाया जा रहा है। उन्‍होंने आईएएस तथा अन्‍य सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न तथा सिलेबस में संशोधन करने के डीओपीटी के निर्णय को ऐतिहासिक बताया क्‍योंकि इससे विभिन्‍न धाराओं के प्रत्‍याशियों को समान अवसर मिलेगा।

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