नई दिल्ली: भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच आर्टिफीशियल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग के लिए इन्वेस्ट इंडिया और संयुक्त अरब अमीरात के आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस मंत्री के बीच आज नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
यह साझेदारी दोनों देशों के लिए अगले एक दशक में करीब 20 अरब डॉलर के आर्थिक लाभ का माध्यम बनेगी। इससे ब्लॉकचैन और आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस तथा एनालिटिक्स के क्षेत्र में तेज विकास होगा। डेटा का संकलन और उसकी प्रोसेसिंग में तेजी आएगी जो कारोबार के विकास और नवाचार को बढ़ावा देने में उपयोगी साबित होगा। यह सेवाओं की उपलब्धता प्रणाली को ज्यादा सक्षम और प्रभावी बनाएगी। वर्ष 2035 तक भारतीय अर्थव्यवस्था में आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस के जरिए 957 अरब डॉलर जोड़े जा सकेंगे।
समझौता ज्ञापन पर वाणिज्य और उद्योग तथा नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु तथा भारत में संयुक्त अरब अमीरात दूतावास में पूर्णाधिकार प्राप्त मंत्री और वाणिज्य अताशे महामहिम अहमद सुल्तान अल फलाही की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए। यह पहल भारत में आयोजित गोवहैक सीरिज आफॅ वर्ल्ड गर्वमेंट सीरिज के तहत की गई। श्री प्रभु ने प्रौद्योगिकी के जरिए प्रशासन को सक्षम बनाने के लिए की गई सरकारी पहल की सराहना की और साथ ही आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में यूएई के साथ सहयोग की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।
संयुक्त अरब अमीरात-भारत सहयोग के जरिए यूएआई इंडिया वर्किंग ग्रुप (टीडब्ल्यूजी) संयुक्त अरब अमीरात मंत्रालय के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इन्वेस्टमेंट इंडिया और स्टार्टअप इंडिया के बीच नवाचार और प्रौद्योगिकी की गतिशील प्रकृति का मूल्यांकन करेगा। निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी के जरिए एआई स्टार्टअप और अनुसंधान गतिविधियों में निवेश बढ़ाने के उद्देश्य के साथ (टीडब्ल्यूजी) की बैठक वर्ष में एक बार हुआ करेगी।
भारत और यूएई के बीच संबंध व्यापार की सीमाओं से कही बहुत आगे हैं। यूएई में रहने वाले विदेशियों में सबसे बड़ी संख्या भारतीय मूल के लोगों की है। साथ ही यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार देश है।
यूएई की ओर से भारत में 5.3 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया गया है। आधारभूत संरचना भारत और यूएई के बीच द्विपक्षीय व्यापार के पांच प्रमुख क्षेत्रों में से एक है। यूएई ने भारत में आधारभूत संरचना के क्षेत्र में 75 अरब डॉलर के निवेश का वादा किया है। भारत सरकार ने डिजीटल विकास के लिए कई पहल की है, ताकि इसके जरिए कृषि आपूर्ति, स्वास्थ्य सेवा तथा आपदा प्रबंधन सेवाओं के क्षेत्र में आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस की क्षमताओं का भरपूर इस्तेमाल किया जा सके।