बंबई हाईकोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र क्रिकेट संघ (एमसीए) से पूछा कि चेन्नई से पुणे स्थानांतरित हुए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के छह मैचों के लिए मैदान और पिच के रखरखाव के लिए क्या वह पुणे नगर निगम से अतिरिक्त पानी की आपूर्ति की मांग करेंगे. कावेरी जल विवाद के कारण हिंसा के बाद चेन्नई सुपर किंग्स के मैचों को चेन्नई से पुणे स्थानांतरित कर दिया गया है जो शहर के एमसीए स्टेडियम में होंगे. मैच का वेन्यू चेंज होने से चेन्नई के खिलाड़ी भी निराश हैं.
न्यायाधीश एएस ओखा और रियाज छागले की खण्ड पीठ ने 2016 में एनजीओ लोकसत्ता आंदोलन से जुडी जनहित याचिका की सुनवाई कर रही थी. इस याचिका में महाराष्ट्र में आईपीएल मैच आयोजित करने का विरोध किया गया है. याचिका में कहा गया कि राज्य सूखे की चपेट में है और ऐसे में मैदान के प्रबंधन के लिए पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है.
Bombay High Court issued notice to #Maharashtra Cricket Association and sought reply on how will they arrange water for maintaining the ground for IPL matches in #Pune
— ANI (@ANI) April 13, 2018
बता दें कि तमिलनाडु राज्य प्रशासन ने बुधवार को कावेरी विवाद के मद्देनजर आईपीएल मैचों को पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने में असमर्थता जताई थी जिसके बाद बीसीसीआई को मैच स्थान बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा. कोलकाता के खिलाफ मैच के दौरान कुछ दर्शकों ने रविंद्र जडेजा की तरफ जूता भी फेंका था. इसके बाद खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए थे. अंत में चेन्नई पुलिस के हाथ खड़ा करने पर बीसीसीआई को आयोजन स्थल बदलना पड़ा.
इससे पहले अप्रैल 2016 में भी महाराष्ट्र में आईपीएल के दौरान सूखे की समस्या सामने आई थी. उस समय भी महाराष्ट्र में आईपीएल के मैच कराए जाएं या नहीं इसपर काफी विवाद हुआ था. कुछ लोग जहां इस पक्ष में थे कि आईपीएल में पानी का काफी इस्तेमाल होता है ऐसे में सूखे के दौरान महाराष्ट्र में आईपीएल मैच नहीं होने चाहिए वहीं कुछ लोगों का मानना था कि आईपीएल मैच होने से कोई नुकसान नहीं होगा.