सेबी ने आईपीओ के लिए प्राइस बैंड के ऐलान की समय सीमा पांच दिन से घटा कर दो दिन कर दी है. इसके साथ ही कैपिटल मार्केट रेगुलटर ने बायबैक के नियमों में भी थोड़ा बदलाव किया है. सेबी फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स यानी एफपीआई और म्यूचुअल फंड के नियमन को भी और तार्किक बनाना चाहता है.
बायबैक से जुड़े नियमों में भी होगा सुधार
सेबी की बोर्ड मीटिंग के बाद इसके चेयरमैन अजय त्यागी ने इन कदमों का ऐलान किया. त्यागी ने कहा कि बायबैक के नियमों में बदलाव के साथ ही एफपीआई और म्यूचुअल फंड से जुड़े नियमन को दुरुस्त किया जाएगा.
त्यागी ने कहा कि मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन के मामले में शयेरहोल्डिंग सीमा 15 फीसदी की जाएगी. उन्होंने कहा कि सेबी बोर्ड ने शेयर बायबैक और अधिग्रहण नियमों में संशोधन को मंजूरी दे दी है. सेबी थर्ड पार्टी entities के रेगुलेशन पर एक परामर्श पत्र भी लाएगा. यह सब-ब्रोकरों को authorised persons कैटेगरी में जाने की अनुमति देगा.
FPI,म्यूचुअल फंड से जुड़े नियम भी होंगे दुरुस्त
सेबी का FPI,म्यूचुअल फंड रेग्यूलेशन के नियमों को भी और तार्किक बनाने का इरादा है. सेबी प्रमुख से जब एनएसई को-लोकेशन केस के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस मामले में एनएसई में दोषी लोगों और इंस्टीट्यूशन्स के खिलाफ कार्रवाई के लिए कदम उठ चुके हैं. कुछ दिनों मे ये सार्वजनिक कर दिए जाएंगे.
आईसीआईसीआई बैंक केस के मामले पर पूछने पर त्यागी ने कहा कि बैंक की ओर से चंदा कोचर पर लगे आरोपों के बारे में जवाब अभी नहीं मिले हैं. वीडियोकॉन को कर्ज देने के मामले में चंदा कोचर की भूमिका की जांच की जा रही है. आईसीआईसीआई बैंक बोर्ड ने उन्हें जांच पूरी होने तक के लिए छुट्टी पर भेज दिया है. हालांकि छुट्टी पर भी उन्हें वेतन और बोनस दिए जाने पर सवाल उठ रहे हैं. the quint