लखनऊ: एसटीएफ ने जाली नोटों के सप्लायर आईएसआई एजेंट डॉ. समीर उर्फ वली अहमद को मंगलवार को नाका से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से 12000 रुपये के जाली नोट, पाकिस्तान व नेपाली करेंसी व अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं। 15 हजार रुपये का इनामी डॉ. समीर अप्रैल 2011 में वजीरगंज से पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। वह नेपाल में रहकर देश में जाली नोटों की सप्लाई कर रहा था। आईबी, एटीएस समेत अन्य एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही हैं।
एसटीएफ के मुताबिक डॉ. समीर उर्फ वली अहमद बिहार के पश्चिम चंपारण में बेतिया का रहने वाला है। वर्ष 2004 में एक झगड़े के बाद उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज होने पर वली नेपाल भाग गया था। वहां वली अहमद जाली नोटों के कारोबारियों के संपर्क में आया और आईएसआई से जुड़ गया। कुछ दिनों बाद उसने नेपाल से भारत में जाली नोटों की सप्लाई की कमान संभाल ली। उसने फैजाबाद, बहराइच व गोण्डा के 25 से 30 युवकों का ऐसा गैंग तैयार किया है जो उसके लिए कैरियर का काम करते हैं, लेकिन कोई भी एक-दूसरे को नहीं जानता है। सभी सीधे वली से जुड़े हुए हैं।
एसटीएफ ने वर्ष 2010 में वली अहमद को गिरफ्तार किया था। उसके साथियों के पास से डेढ़ लाख रुपये के जाली नोट बरामद हुए थे, लेकिन सात अप्रैल 2011 को कोर्ट में पेशी के दौरान वली अहमद पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। उसके बाद उस पर 15000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था। चार साल से वह फरार चल रहा था। एटीएस व अन्य सुरक्षा एजेंसियां वली से पूछताछ कर रही हैं। हाल में गिरफ्तार आईएसआई एजेंट शेख जावेद इकबाल उर्फ अशफाक अंसारी, के अलावा इमरान तेली व इकबाल काना के बारे में भी उससे पूछताछ की जा रही है।