नई दिल्ली: कोरोना वायरस का दंश झेल रहे कई राष्ट्रों के लिए अब हिंदुस्तान बड़ी आस बनकर उभरा है. चाइना से मिले धोखे व इस संक्रमण से लड़ने के लिए कोई अच्छा उपचार अब तक सामने न आना इसकी सबसे बड़ी वजह है. भारतीय दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) से इस संक्रमण को हराने का अब एक मात्र रास्ता सभी राष्ट्रों को दिख रहा है.
भारत की तरफ से कोविड-19 संक्रमितों के उपचार में अच्छा एंटी मलेरिया दवाई भेजने पर अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो के बाद अब इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जाहीर किया है.
नेतन्याहू ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर बोला कि धन्यवाद मेरे प्रिय दोस्त हिंदुस्तान के पीएम नरेन्द्र मोदी, इजरायल को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) भेजने के लिए. बताते चलें कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर रोक के बाद विभिन्न राष्ट्रों की तरफ से हिंदुस्तान से लगातार अनुरोध किया जा रहा था कि इस दवा को उन्हें कठोर आवश्यकता है. इसके बाद हिंदुस्तान ने इसके निर्यात के ऊपर लगी रोक को हटाने का निर्णय किया.
25 मार्च को हिंदुस्तान ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन निर्यात पर रोक लगाई थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसके बाद 6 अप्रैल को डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (डीजीएफटी) ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन समेत 14 दवाईयों के निर्यात पर लगी रोक को हटाने का नोटिफिकेशन जारी किया. कोरोना संक्रमितों के उपचार में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की बहुत ज्यादा मांग है. जानकारों का यह बोलना है कि हिंदुस्तान सरलता से इस दवा की डिमांड को पूरी कर सकता है. हालांकि अभी तक बड़े स्तर पर ट्रायल में यह साबित नहीं हुआ है कि कोविड-19 संक्रमितों के उपचार में यह दवा कितनी अच्छा है.
वहीं, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) का बोलना है कि उन्होंने कोरोना वायरस (कोविड-19) मरीजों के लिए मलेरिया रोधी दवा (हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन) की सिफारिश नहीं की है. आईसीएमआर का बोलना है कि जब तक टेस्ट के दौरान संतोषजनक नतीजे नहीं दिखते हैं तब इस पर मुहर लगाना ठीक नहीं है. अभी इस दवा के कई परीक्षण बाकी हैं. Source हिंदुस्तान ख़बर