नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ विक्रम साराभाई के शताब्दी वर्ष समारोह के अंग के रूप में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पत्रकारिता में दो श्रेणियों के पुरस्कारों की स्थापना की है। इसरो ने अंतरिक्ष विज्ञान, अनुप्रयोगों और अनुसंधान के क्षेत्र में सक्रिय योगदान देने वाले पत्रकारों को मान्यता देने और पुरस्कृत करने के लिए “अंतरिक्ष विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान में विक्रम साराभाई पत्रकारिता पुरस्कार” की घोषणा की है। इन पुरस्कारों के लिए नामांकन पत्रकारिता का अच्छा अनुभव रखने वाले समस्त भारतीयों के लिए खुला है। इसरो का कहना है कि इन पुरस्कारों के लिए 2019 से 2020 तक प्रकाशित लेखों पर विचार किया जाएगा।
पुरस्कारों की दो श्रेणियां हैं, जिनमें पहली श्रेणी के अंतर्गत दो पत्रकारों या प्रिंट मीडिया के स्वतंत्र पत्रकारों को 5,00,000 रुपये नकद, एक पदक और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। नामांकित उम्मीदवारों का आकलन वर्ष 2019 से 2020 के दौरान भारत में हिंदी, अंग्रेजी या क्षेत्रीय भाषाओं में प्रकाशित लोकप्रिय पाक्षिक पत्रिकाओं, विज्ञान पत्रिकाओं या पत्रिकाओं में छपे लेखों या सफलता की कहानियों के आधार पर किया जाएगा।
पुरस्कार की दूसरी श्रेणी के तहत पत्रकारों या प्रिंट मीडिया के स्वतंत्र पत्रकारों के लिए 3,00,000, 2,00,000 और 1,00,000 रुपये के 3 नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र दिए जाएंगे। लेख या सफलता की कहानियां भारत में एक वर्ष के दौरान लोकप्रिय समाचार पत्रों या समाचार पत्रिकाओं में हिंदी, अंग्रेजी, क्षेत्रीय भाषाओं में प्रकाशित होनी चाहिए, जैसा कि प्रस्ताव में सूचित किया गया है। चुने गए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा 1 अगस्त, 2020 को की जाएगी।