लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह की गरिमामयी उपस्थिति में आज पर्यटन भवन में लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति के संरक्षण, परिवर्धन के लिए 04 संस्थानों से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये। एमओयू लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति संस्थान उ0प्र0 तथा सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र नई दिल्ली, एनटीपीसी लि0, बुन्देलखण्ड झांसी, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झांसी तथा बुन्देलखण्ड महाविद्यालय झांसी के मध्य किया गया।
इस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पर्यटन मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा कि प्राचीन लोक कलाओं एवं संस्कृति के संरक्षण के लिए राज्य सरकार पूरी गम्भीरता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आज हुए समझौता ज्ञापन के तहत चारों संस्थायें लोक कला एवं संस्कृति को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए इसका संरक्षण एवं संवर्धन करेंगे। उन्होंने कहा कि विलुप्त हो रही कलाओं को जीवित रखना हम सबका दायित्व है। इसलिए कला संस्कृति को बचाये रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत का सपना भी पूरा करना है। उन्होंने संस्थाओं से आग्रह किया कि समझौता ज्ञापन का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति संस्थान के निदेशक श्री अतुल द्विवेदी ने कहा कि जनजाति कला को संरक्षित एवं प्रसारित करने के उद्देश्य से यह समझौता उन संस्थाओं से किया गया है, जिनके आसपास जनजाति आबादी स्थित है। उन्होंने बताया कि इन संस्थाओं द्वारा लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति पर विश्वविद्यालय तथा बुन्देलखण्ड महाविद्यालय द्वारा शोध किया जायेगा।
श्री द्विवेदी ने बताया कि इस समझौता ज्ञापन के तहत एनटीपीसी, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय तथा बुन्देलखण्ड महाविद्यालय द्वारा जनजाति के बच्चों को छात्रवृत्ति भी प्रदान की जायेगी। उन्होंने कहा कि इस समझौते का मुख्य उद्देश्य लोक एवं जनजाति कला तथा संस्कृति का संवर्धन के साथ ही इसका प्रचार प्रसार करके भावी पीढ़ी को इसके संरक्षण के लिए प्रेरित एवं जागरूक किया जायेगा।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति श्री मुकेश कुमार मेश्राम, विशेष सचिव संस्कृति श्री ए0के0 सिंह, पर्यटन सलाहकार श्री जयप्रकाश सिंह, सीसीआरटी के निदेशक श्री ऋषि वशिष्ठ व अध्यक्ष श्री विनोद नारायण इन्दुकर, एनटीपीस के एजीएम (एचआर) श्री जाकिर खान, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर नईम तथा बुन्देलखण्ड महाविद्यालय के प्रोफे0 श्री एस0के0 राय एवं चारों संस्थाओं के अन्य अधिकारी एवं प्राधिकारी उपस्थित थे।