20.7 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

पीयूष गोयल ने कहा-सरकार एक भूमि बैंक बनाने पर कार्य कर रही है, जिसके लिए छह राज्यों ने पहले ही अपनी सहमति दे दी है

देश-विदेशप्रौद्योगिकी

नई दिल्ली: सरकार जल्द ही देश में उद्योगों की मंजूरी और स्वीकृति के लिए एक एकल खिड़की प्रणाली स्थापित करने जा रही है। संप्रभु धन कोष, विदेशी पेंशन कोष और अन्य को भारत में व्यापार और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश करने में सुविधा के लिए “इज-ऑफ-डूइंग-बिजनेस” को बारे में बात करते हुए वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह एक वास्तविक एकल खिड़की प्रणाली होगी और इसके तहत सभी संबंधित राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों को बोर्ड में लिया जा रहा है।

मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार एक भूमि बैंक बनाने पर काम कर रही है, जिसके लिए छह राज्यों ने पहले ही अपनी सहमति दे दी है। उन्होंने कहा कि संभावित निवेशकों को तब तक अपने कार्यालयों द्वारा भूमि बैंकों का पता लगाने और उनकी पहचान करने में सक्षम होंगे, और अक्सर भूमि स्वामित्व एजेंसियों के कार्यालयों का दौरा किए बिना, उद्योगों के स्थान को अंतिम रूप भी दे देंगे।

उद्योग और निवेशों के लिए अनुमोदन की प्रक्रिया को और अधिक सुगम बनाने और तेज करने के मुद्दे पर, श्री गोयल ने मंत्रिमंडल के हालिया फैसलों का भी उल्लेख किया जिसमें विभिन्न उद्योगों की योजनाओं एवं परियोजनाओं पर निर्णय लेने के लिए कैबिनेट सचिव के नेतृत्व में एक ‘अधिकार प्राप्त सचिवों के समूह’ का गठन किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक केंद्रीय विभाग में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है और परियोजना विकास प्रकोष्ठों की स्थापना की जा रही है जो केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच समन्वय में विकासात्मक निवेश योग्य परियोजनाओं में मदद करेगा और इस तरह भारत में निवेश योग्य परियोजनाओं में एफडीआई प्रवाह में वृद्धि कर कार्य को आगे बढ़ाएगा।

मंत्री श्री गोयल ने कहा कि सरकार ने शुरू में 12 औद्योगिक क्षेत्रों की पहचान की थी, और उसी का विस्तार करते हुए अब इसे 20 तक किया गया है। इससे निवेश बढ़ाने में मदद मिलेगी, और देश में प्रतिस्पर्धी होने से लाभ होगा। इन क्षेत्रों में फर्नीचर- मानक के साथ-साथ विशेष फर्नीचर, एयर-कंडीशनर, चमड़ा, जूते, कृषि-रसायन, रेडी-टू-ईट खाद्य पदार्थ, स्टील, एल्युमिनियम, कॉपर, वस्त्र, इलेक्ट्रिक वाहन, ऑटो-कंपोनेंट्स, टीवी सेट-टॉप बॉक्स, सीसीटीवी, खेल के सामान, इथेनॉल निर्माण और जैव ईंधन तथा खिलौने शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब यह नहीं है कि भारत विश्व के लिए दरवाजे बंद कर रहा है बल्कि अवसरों के लिए अपने दरवाजे को और अधिक चौड़ा कर रहा है तथा भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता पर ध्यान देने के साथ निवेश भी कर रहा है, जिससे भारत में बड़े पैमाने पर उत्पादन होने से अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। देश विश्व में और अधिक ताकतवर बनेगा तथा अधिक प्रतिस्पर्धी भी बन जाएगा, और बेहतर तकनीक और उपकरण का उपयोग बढ़ेगा। उद्योग को कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डेटा एनालिटिक्स, रोबोटिक और अन्य सभी सर्वोत्तम क्रियाओं को आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी का उपयोग करने से किसी भी तरह से लोगों की नौकरियों पर असर नहीं पडेगा बल्कि उनकी गुणवत्ता में सुधार ही होगा तथा इससे उत्पादन बढ़ेगा जिससे और अधिक नौकरियों का सृजन होगा।

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में भी विदेशी निवेश के लिए अनुकूल वातावरण बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि निवेशकों को नीतियों, प्रक्रियाओं, नियमों के संदर्भ में पूर्ण समर्थन दिया जाएगा और सब कुछ पारदर्शी, खुला और न्यायसंगत होगा। संभावित निवेशकों की कुछ अन्य चिंताओं का जवाब देते हुए, श्री गोयल ने कहा कि विशेष आर्थिक क्षेत्र पर बाबा कल्याणी रिपोर्ट पर मंत्रालय गंभीरता से विचार कर रहा है। श्रम सुधार के मुद्दों पर, श्री गोयल ने कहा कि श्रम और निवेशकों के हितों के बीच एक संतुलन के साथ काम करना होगा।

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार ने सही तरीके से लोगों के जीवन पर ध्यान केंद्रित किया और विश्व के सबसे सख्त लॉकडाउन (पूर्णबंदी) में से एक को लागू किया। यह लंबे समय में कोरोना महामारी के बेहतर प्रबंधन में महत्वपूर्ण साबित हुआ। अब देश आजीविका के साथ-साथ लोगों के जीवन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और हम अनलॉक चरण में हैं। आर्थिक गतिविधि पहले से ही सम्मानजनक स्तर पर पहुंच गई है, जैसा कि यह कई संकेतकों में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम अब तीसरी और चौथी तिमाही में विकास की उम्मीद कर रहे हैं। विश्व ने इस संकट के समय में मोदी सरकार की पहलों को माना है। भारत ने लॉकडाउन (पूर्णबंदी) के दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को विकसित करने में सक्षम हुआ है, जिसके कारण बड़ी संख्या में पीपीई किट और वेंटिलेटर के स्वदेशी उत्पादन में आत्मनिर्भरता देखी जा सकती है, और इसके ही परिणामस्वरूप आज इतनी बड़ी संख्या में रोजाना कोविड परीक्षण किए जा रहे हैं।

श्री गोयल ने कहा कि जोखिम-इनाम मैट्रिक्स भारत में सबसे अनुकूल साधनों में से एक है, क्योंकि देश में बेहतर जीवन शैली की आकांक्षा के साथ, लोगों के पास मोबाइल की अधिकाधिक सुविधा है। उन्होंने भारत में निवेश की सुविधा के लिए सभी सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने विदेशी निवेशकों को देश की विकास में भागीदार बनने के लिए आमंत्रित किया। बैठक में भाग लेने वालों ने भारत में इज-ऑफ-डूइंग-बिजनेस के साथ आगे बढ़ने के लिए कई सुझाव दिए और श्री गोयल ने उन्हें आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द इस पर कार्य किया जाएगा।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More