नई दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने आज शिमला स्थित उत्तरी राज्य क्षेत्रीय कार्यशाला में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन को लागू करने के लिए चार राज्यों-हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, जम्मू–कश्मीर, उत्तराखंड और संघ शासित चंडीगढ़ के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर समारोह की अध्यक्षता की।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री श्री ब्रह्म मोहिन्द्र, जम्मू-कश्मीर के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. देवीन्दर कुमार मनयाल, हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री विपिन सिंह परमार, सांसद श्री वीरेन्दर कश्यप के अलावा नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. विनोद पॉल, मंत्रालय में सचिव श्रीमती प्रीति सूदन, एनएचए में सीईओ इन्दु भूषण, राज्यों के स्वास्थ्य सचिव और मिशन निदेशक भी मौजूद थे।
इस अवसर पर श्री जे.पी. नड्डा ने कहा कि ‘यहां आयुष्मान भारत के पहले समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर का इतिहास गवाह है। यह योजना स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक बड़ा परिवर्तन साबित होगी।’उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा की गई पहल दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य कार्यक्रम होगी। उन्होंने सरकार के तपेदिक और कुष्ठ निवारण कार्यक्रमों का हवाला दिया। श्री नड्डा ने कहा कि अपने कार्यक्रमों और पहलों के जरिए हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि स्वास्थ्य सेवा सुगम्य, सस्ती और उचित हो।
श्री नड्डा ने कहा कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन (पीएमआरएसएसएम) करीब 50 करोड़ लोगों (करीब 10 करोड़ परिवारों से) की रक्षा करेगा। इसमें प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक की सेवाओं के लिए कैशलेस और पेपरलेस सुविधा होगी, जिससे लाभार्थी परिवारों के लिए भारत के सार्वजनिक और निजी (सूची में शामिल) अस्पतालों में सेवा उपलब्ध होगी। श्री नड्डा ने कहा कि योजना के अंतर्गत आने वाले लाभार्थी भारत में कहीं भी इस सेवा का लाभ ले सकते हैं और इससे आपातकालीन स्थिति में लक्षित परिवारों के वित्तीय खतरों को कम करके उन्हें राहत पहुंचाई जा सकेगी।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य केन्द्र बिन्दु में है और सरकार इस पर समग्र रूप से ध्यान केन्द्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि पीएमआरएसएसएम लोगों की रक्षा करेगी और स्वास्थ्य तथा तंदुरूस्ती केन्द्र विस्तृत प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करेंगे। ये केन्द्र गैर संचारी रोगों, दंत व मानसिक और जरा चिकित्सा, प्रशामक उपचार के लिए एहतियाती तथा निवारक सेवा प्रदान करेगी।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर ने कहा कि आयुष्मान भारत एक वरदान है। मैं दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए इस ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का अवसर प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री का आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि यह सरकार के आयुष्मान भारत कार्यक्रम को गति प्रदान करेगा।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि आयुष्मान भारत स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम होगा। उन्होंने राज्य में इसे लागू करने के लिए हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि नवीनतम जनगणना के अनुसार उत्तराखंड में 20 लाख परिवारों को इस योजना के अंदर शामिल किया जाएगा। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि प्रत्येक परिवार को दस किलोमीटर की दूरी पर चिकित्सा सुविधाएं मिले। उन्होंने कहा कि राज्य में डॉक्टरों की संख्या में वृद्धि के साथ अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं सहित राज्य में लिंग अनुपात में सुधार हुआ है।
इस समझौता ज्ञापन के जरिए राज्य पीएमआरएसएसएम को लागू करने के लिए औपचारिक रूप से प्रतिबद्ध होंगे। समझौत ज्ञापन में पीएमआरएसएसम के कार्यान्वयन के लिए केन्द्र और राज्य/संघ शासित प्रदेशों की सरकारों की भूमिका स्पष्ट रूप से बताई गई है। प्रत्येक क्षेत्र में पीएमआरएसएसएम शुरू करने के लिए राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के साथ समझौत ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए देश भर में उचित समय में क्षेत्रीय कार्यशालाओं की योजना भी बनाई गई है।