गुड़गांव: हरियाणा जंग-ए-आजादी के महानायक रहे नेताजी सुभाष चंद्र बोस के निजी गनर वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी जगराम ने खुलासा किया है कि नेता जी की विमान दुर्घटना में मौत नहीं हुई थी, उनकी हत्या कराई गई होगी।
उनका कहना है कि यदि विमान हादसे में उनकी मौत होती तो कर्नल हबीबुर्रहमान जिंदा कैसे बचते। वह दिन रात साये की तरह नेताजी के साथ रहते थे। जगराम की माने तो नेताजी की मौत के बाद वो हबीबुर्रहमान से मिले थे तो उन्होंने बताया की नेताजी की जहाज दुर्घटना में मौत हो गई और ये उनकी घड़ी का पट्टा है। आजादी के बाद कर्नल हबीबुर्रहमान पाकिस्तान चले गए थे।
जगराम का आरोप है कि भला विमान क्रैश होने के बाद सिर्फ अकेला हबीबुर्रहमान कैसे बचा। जगराम को सौ फीसदी आशंका है कि नेताजी को रूस में फांसी दी गई थी। ऐसा पंडित जवाहर लाल नेहरू के कहने पर रूस के तानाशाह स्टालिन ने किया होगा।
93 वर्षीय जगराम ने यह भी बताया कि हिरोशिमा एवं नागासाकी पर बमबारी के चार साल बाद चार नेताओं को युद्ध अपराधी घोषित कर दिया गया था।
पंडित नेहरू ने कराई थी जासूसी
अंग्रेजी अखबार मेल टुडे में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, इंटेलीजेंस ब्यूरो के कुछ दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि नेहरू सरकार ने साल 1948 से 1968 तक बोस के परिवार की जासूसी कराई। यह फाइलें तब से ही नेशनल आर्काइव्स में सुरक्षित हैं। इनमें से 16 साल तक नेहरू देश के प्रधानमंत्री थे और आईबी सीधे उन्हें रिपोर्ट करती थी।
बोस के कोलकाता स्थित दो घरों की निगरानी की गई। इनमें से एक वुडबर्न पार्क और दूसरा 38/2 एल्गिन रोड पर था। जासूसी ब्रिटिशराज में शुरू हुई थी। आईबी के जासूसों ने इंटरसेप्टिंग के साथ ही बोस परिवार की चिट्ठियों पर नजर रखने के अलावा, उनकी स्थानीय और विदेश यात्रा की भी जासूसी की। नेताजी के परिजनों ने इस पर आपत्ति जताई है।
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